आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता अलौकिक सौंदर्य :-

हिंदी कविता अलौकिक सौंदर्य

हिंदी कविता अलौकिक सौंदर्य

लाल सुनहरा सूरज जब..
अपना प्रकाश फैलाता है,
सोयी धरती को जैसे..
कोई चादर खींच उठाता है।

कितनी सुंदर दिखती धरती…
आंखें मल -मल कर जब जागती है,
चिड़िया कानों में खुसफुसा कर ..
अरे उठो!
सवेरा हुआ..कहती हैं।

हरे -भरे खेतों, उपवन का,
ओस यहां.. मुंह धोती हैं।

अंगड़ाई लेती सी फसलें
लहरा के स्वागत करती हैं।

तेज किरण मुख पर फूलों के..
पड़ते ही यह कहते हैं,
हम जाग गये…
अधखिले -फूल..
हंस कर किरणों से कहते हैं।

नीड़ छोड़कर सारे पक्षी. ..
ऊंची उड़ानें भरते हैं।
चीं- चीं चूं -चूं. .. करते करते,
आपस में बातें करते हैं।

मिट्टी की सोंधी सी खुशबू,
मन को बहुत रिझाती है।
भीनी सुगंध फूलों की फिर, फिर,
तरोताजा कर जाती हैं।

महक सूंघते.. तितली ,भंवरे
डाल रहे यहां डेरा है।
चक्कर लगा,लगा फूलों के …
भंवरों ने मुख को चूमा है

नीला अंबर और…
सूरज लाल..
उड़ते फिरते..पक्षी बेशुमार,
सुंदर लगता है नभ ऐसा
जैसे मिलकर गाते सब मेघ मल्हार।

सीना ताने ये खड़े यहां..
बर्फ से ढके सुंदर पहाड़,
बहती जिनसे जल धाराएं
झरने गिरते दूधिया बेशुमार।

जब शाम ढले पक्षी लौटे
सूरज थक कर सो जाता है,
चंदा तारों का मेला फिर
हीरे -मोती सा जगमगाता है।

अद्भुत सौंदर्य व्याप्त यहां…
धरती कितनी सुंदर लगती,
किसी चित्रकार के चित्रों सी..
अलौकिक अनुभूति देती।

है नमन मेरा, अभिमान मेरा!
इस सुंदरता को प्रणाम मेरा।
अविभूत हूं लिखते लिखते मैं
जैसे दुलार रही हो धरती मां।


रचनाकार का परिचय

निमिषा सिंघल

नाम : निमिषा सिंघल
शिक्षा : एमएससी, बी.एड,एम.फिल, प्रवीण (शास्त्रीय संगीत)
निवास: 46, लाजपत कुंज-1, आगरा

निमिषा जी का एक कविता संग्रह, व अनेक सांझा काव्य संग्रहों में रचनाएं प्रकाशित हैं। इसके साथ ही अनेक प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं की वेबसाइट पर कविताएं प्रकाशित होती रहती हैं।

उनकी रचनाओं के लिए उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित भी किया गया है जिनमे अमृता प्रीतम स्मृति कवयित्री सम्मान, बागेश्वरी साहित्य सम्मान, सुमित्रानंदन पंत स्मृति सम्मान सहित कई अन्य पुरुस्कार भी हैं।

“ हिंदी कविता अलौकिक सौंदर्य ” ( Hindi Kavita Alaukik Saundarya ) के बारे में कृपया अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे रचनाकार का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढ़ने का मौका मिले।

यदि आप भी रखते हैं लिखने का हुनर और चाहते हैं कि आपकी रचनाएँ हमारे ब्लॉग के जरिये लोगों तक पहुंचे तो लिख भेजिए अपनी रचनाएँ hindipyala@gmail.com पर या फिर हमारे व्हाट्सएप्प नंबर 9115672434 पर।

हम करेंगे आपकी प्रतिभाओं का सम्मान और देंगे आपको एक नया मंच।

धन्यवाद।

Leave a Reply