ज़िन्दगी के सफ़र में हमसफ़र के साथ देने की चाहत पर हिंदी कविता जिंदगी का कारवां :-

हिंदी कविता जिंदगी का कारवां

हिंदी कविता जिंदगी का कारवां

जिन्दगी का कारवां कभी थम न जाए
प्यार कुछ इस कदर करना जिसकी मिसाल बन जाए ।

मैं चुप हो जाऊं तो तुम कहते रहना ।
जीवन के इस पहलू में मेरा संबल बनकर रहते रहना ।
ख़त्म कभी न हो पाए चाहत का दरिया
तुम शीतल जल बनकर बहते रहना ।
मैं चुप हो जाऊं ……

संग संग न रहकर भी हम पास है
बस इतना ही कहते रहना ।
हम बुनियाद नहीं बन पाए एक साथ नहीं रह पाए
यादों में धड़कन बन साथ मेरे चलते रहना ।
मैं चुप हो जाऊं तो तुम कहते रहना ।

मैं दरिया सी प्यासी
तुम सागर की लहरें बन मुझसे मिलते रहना ।
मैं चुप हो जाऊं ……….

मेरे भोले भाले ख्वाबों में तुम मुझको मेरे बन गहते रहना।
मेरे जीवन के हर पहलू में खुशबू बनकर बिखरे रहना ।
मैं चुप हो जाऊं तो तुम कहते रहना ।


रचनाकार कर परिचय :-

अवस्थी कल्पनानाम – अवस्थी कल्पना
पता – इंद्रलोक हाइड्रिल कॉलोनी , कृष्णा नगर , लखनऊ
शिक्षा – एम. ए . बीएड . एम. एड

“ हिंदी कविता अजनबी बनकर ” ( Hindi Kavita Zindagi Ka Karwaan ) के बारे में कृपया अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे लेखक का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढ़ने का मौका मिले।

यदि आप भी रखते हैं लिखने का हुनर और चाहते हैं कि आपकी रचनाएँ हमारे ब्लॉग के जरिये लोगों तक पहुंचे तो लिख भेजिए अपनी रचनाएँ hindipyala@gmail.com पर या फिर हमारे व्हाट्सएप्प नंबर 9115672434 पर।

हम करेंगे आपकी प्रतिभाओं का सम्मान और देंगे आपको एक नया मंच।

धन्यवाद।

Leave a Reply