Kitab Par Kavita आप पढ़ रहे हैं किताब पर कविता :-

Kitab Par Kavita
किताब पर कविता

किताब पर कविता

मानव को स्वप्नों का मार्ग
नहीं मिलता सिर्फ ख्वाबों में ।
प्रकृति का संपूर्ण खजाना
निहित हैं अनमोल किताबों में।।

इनको पढ़कर हर इंसान
धारण कर लेता ज्ञान की माला।
सफलता के शिखर पे पहुंचकर
सर्वत्र फैलाता प्रेम का उजाला।।

मुश्किलों से यह सिखाती लड़ना
शब्दों की प्यारी बोली से।
जीवन के दुखद क्षणों में
ज्ञान के रंग भरती रंगोली से।।

विचारों की ताकत अनोखी है
नीलगगन में भरती उड़ान।
जो पुस्तकों को समय देता
लाख गुना बढ़ाती उसका मान।।

यह सदैव कुछ बोलती है
समझो न इनको बेजवान।
इनके सही उपयोग से
हरा भरा हो जाता रेगिस्तान।।

किताबों को जो मित्र बनाता
निरंतर पढ़ता नही करता आराम।
जीवन के हर एक डगर में
प्राप्त करता सुखद परिणाम।।

पढ़िए :- किताबों पर कविता “सफलता का मार्ग है किताबें”


नमस्कार प्रिय मित्रों,

सूरज कुरैचया

मेरा नाम सूरज कुरैचया है और मैं उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के सिंहपुरा गांव का रहने वाला एक छोटा सा कवि हूँ। बचपन से ही मुझे कविताएं लिखने का शौक है तथा मैं अपनी सकारात्मक सोच के माध्यम से अपने देश और समाज और हिंदी के लिए कुछ करना चाहता हूँ। जिससे समाज में मेरी कविताओं के माध्यम से मेरे शब्दों के माध्यम से बदलाव आए।

क्योंकि मेरा मानना है आज तक दुनिया में जितने भी बदलाव आए हैं वह अच्छी सोच तथा विचारों के माध्यम से ही आए हैं अगर हमें कुछ बदलना है तो हमें अपने विचारों को अपने शब्दों को जरूर बदलना होगा तभी हम दुनिया में हो सब कुछ बदल सकते हैं जो बदलना चाहते हैं।

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