फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को मनाया जाने वाला महाशिवरात्रि पर्व भगवान शिव और देवी पार्वती जी के विवाह के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। आइये पढ़ते हैं महाशिवरात्रि पर्व को समर्पित ( Mahashivratri Par Kavita ) महाशिवरात्रि पर कविता “आई शिवजी की है शादी”

महाशिवरात्रि पर कविता

महाशिवरात्रि पर कविता

आई शिवजी की है शादी
जैसा वर वैसे बाराती।

ब्याहने शिव चले हैं गौरा
खाकर भांग और धतूरा,
शंकर की बारात निराली
भूतों की टोली मतवाली।

भस्म रमाये हैं त्रिपुरारी
पार्वती सुंदर राजकुमारी,
शिव तो हैं बैरागी ध्यानी
पर पार्वती एक ना मानी।

वन -वन में पड़ेगा भटकना
भांग तुमको होगा रगड़ना,
इसके लिए महल ठुकराती
सखी सहेलियां हैं चिढ़ाती।

जनम जनम से हैं मेरे वर
अब तो जाऊं बस उसके घर,
मैं हूँ उनकी ही दीवानी
मेहंदी ब्याह की रचानी।

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