पेड़ों की रक्षा व वृक्षारोपण हेतु प्रेरित करती ( Ped Bachao Bal Kavita In Hindi ) पेड़ बचाओ पर बाल कविता ” वृक्ष बचाएं हम ”

पेड़ बचाओ पर बाल कविता

पेड़ बचाओ पर बाल कविता

तुलसीपत्र में देव विराजित ,
समस्त रोगों का करती है नाश ।
तुलसी तुमको नित्य वन्दन है ,
समस्त तीर्थों का तुममें वास ।।

पीपल जो अश्वत्थ कहलाता,
वासुदेव का इसमें वास ।
प्राणवायु अधिकाधिक देता,
इसे काटना है महापाप ।।

सभी मांगलिक कार्यों की शोभा,
कदली वृक्ष से होता है ।
हरा – भरा होता सिंचन से ,
कदली वृक्ष इसे जान ।।

पेड़ नारियल का है उपयोगी ,
पंखे, झाड़ू, रस्सी बनते ।
मधुर पौष्टिक पानी इसका ,
तेल भी आता इसका काम ।।

विल्वपत्र शिव को प्रिय ,
मूल में महादेव का वास ।
लक्ष्मी जी को भाता खुब,
श्रीफल है इसका नाम ।।

कार्तिक नवमी को पूजा जाता,
सदियों से है इसका विधान ।
बाग – बाड़ी वृक्ष आंवला का ,
सभी औषधियों का रामबाण ।।

शबरी के मीठे बेरों की ,
श्रीराम प्रशंसा करते हैं ।
बद्री वृक्ष इसे कहते हैं ,
ये सबको रुचिकर लगते हैं ।।

शमी वृक्ष है प्रतीक शनि का ,
इसे द्वार पर लगाते हैं ।
शिव ने भी पूजा है इसको,
अग्नि भी धारित है इसमें ।।

फलों का राजा आम कहाता ,
यह वृक्ष भारत का मान है।
यज्ञादि विधि जप पूजन में,
शुभ हरित पत्र, फल आता काम है।।

इस भाँति अनेकानेक वृक्ष,
गौरव का ज्ञान कराते हैं ।
अमृतसम निजफलरस से,
जीवन का स्वाद दिलाते हैं ।।

सभी वृक्ष इतने उपयोगी,
पत्थर मारों फल देते हैं ।
व्यर्थ न काटो इन्हें बचाओं ,
यह धरती को जल देते हैं ।।

पर्यावरण रक्षा वृक्षों से होता,
प्रदूषण मुक्ति में है योगदान ।
सौ पुत्रों से बढ़कर है ,
एक वृक्ष का पालन हार ।।

वृक्ष हमारे नित्य सहायक ,
इनकी सेवा पालन अपना कर्म।
यही हमारी भारतीयता ,
यही हमारा सनातन धर्म ।।

पढ़िए :- पेड़ पौधों पर कविता – अब पेड़ लगाओ


रचनाकार का परिचय :-

पं. अभिषेक कुमार दूबेनाम :- अभिषेक कुमार दूबे
पिता – श्री उमेश दूबे
माता – श्रीमती मीना देवी
कर्मकाण्डविद्
वेद विभूषण :- आर्षविद्या शिक्षण प्रशिक्षण सेवा संस्थान , मोतिहारी
वेदाचार्य (एम. ए.) “चत्वारि लब्ध स्वर्ण पदक प्राप्त”
शिक्षा शास्त्री :- सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी
एम. ए (संस्कृत ) :- राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय , फैजाबाद

प्रकाशन :- 10 शोधपत्र , 100+ लेख पत्रिका एवं दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित हो चुके हैं।

स्थाई निवास :- परसौनी खेम, चकिया, पूर्वी चम्पारण, बिहार

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