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प्रेरणादायक कविता प्रेम का दीप जलाओ

प्रेरणादायक कविता प्रेम का दीप जलाओ

मिलजुल कर जीवन करो व्यतीत,
कभी एक क्षण भी ना हो भयभीत,
मार्ग में गाता चल मोहक सा गीत,
कठिन डगर को तुम मित्र बनाओ,
मन में एक प्रेम का दीप जलाओ।

सफल होने की जगाओ प्यास,
विपत्तियों से कभी न हो निराश,
जीत होगी तेरी तू रख विश्वास,
मन से तुम शंकाओं को हटाओ,
मन में एक प्रेम का दीप जलाओ।

आज अगर है दुखमय सी रात,
कल उदय होगी सुख की प्रभात,
तेरी मित्र बनेगी मृदुल सी वात,
सपनों का सेहरा सर पे सजाओ,
मन में एक प्रेम का दीप जलाओ।

विपरीत क्षणों में चुनो किताब को,
रातों को जाग कर बुनों ख्वाब को,
हुनर से जीतो अमूल्य खिताब को,
आलस्य को कभी न अपनाओ,
मन में एक प्रेम का दीप जलाओ।

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नमस्कार प्रिय मित्रों,

सूरज कुमार

मेरा नाम सूरज कुरैचया है और मैं उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के सिंहपुरा गांव का रहने वाला एक छोटा सा कवि हूँ। बचपन से ही मुझे कविताएं लिखने का शौक है तथा मैं अपनी सकारात्मक सोच के माध्यम से अपने देश और समाज और हिंदी के लिए कुछ करना चाहता हूँ। जिससे समाज में मेरी कविताओं के माध्यम से मेरे शब्दों के माध्यम से बदलाव आए।

क्योंकि मेरा मानना है आज तक दुनिया में जितने भी बदलाव आए हैं वह अच्छी सोच तथा विचारों के माध्यम से ही आए हैं अगर हमें कुछ बदलना है तो हमें अपने विचारों को अपने शब्दों को जरूर बदलना होगा तभी हम दुनिया में हो सब कुछ बदल सकते हैं जो बदलना चाहते हैं।

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