आप पढ़ रहे हैं ( Ram Mandir Par Kavita ) राम मंदिर पर कविता “आओ श्रीराम का मंदिर बनाएं”

राम मंदिर पर कविता

राम मंदिर पर कविता

भक्ति रस से,गुलिस्ताँ महकाएं।
चलो आज ईंट से,ईंट मिलाएं।
करें अरुणोदय अवध धाम से,
आओ श्रीराम का,मंदिर बनाएं।

आओ खुदा को,पैगाम लिख दें।
पैगाम-ए-दिल,सलाम लिख दें।
मजहबी नफरत को खत्म करके,
दिलों में श्रीराम का,नाम लिख दें।

मिलकर आरती-अजान लिख दें।
दीवाली-होली-रमजान लिख दें।
बस अमन, शांति बिखरे धरा पर,
आओ दिलों में,हिंदुस्तान लिख दें।

अब्दुल,कलाम,आजाद लिख दें।
सुषमा,अटल, की मुराद लिख दें।
खुदा का ही ,आदेश समझकर,
हर इक़ सजदे में राष्ट्रवाद लिख दें।

हिंदी-उर्दू की, जुबान लिख दें।
कुरआन-गीता-पुराण लिख दें।
सर्व धर्म समभाव दिखा हम,
मिलकर भारत महान लिख दें।

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हरीश चमोली

मेरा नाम हरीश चमोली है और मैं उत्तराखंड के टेहरी गढ़वाल जिले का रहें वाला एक छोटा सा कवि ह्रदयी व्यक्ति हूँ। बचपन से ही मुझे लिखने का शौक है और मैं अपनी सकारात्मक सोच से देश, समाज और हिंदी के लिए कुछ करना चाहता हूँ। जीवन के किसी पड़ाव पर कभी किसी मंच पर बोलने का मौका मिले तो ये मेरे लिए सौभाग्य की बात होगी।

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