Koyal Poem In Hindi | कोयल पर कविता – वह कोयल है | Koyal Par Kavita
Koyal Poem In Hindi - आप पढ़ रहे हैं कोयल पर कविता " कूक कूक कर गाती है " :- Koyal Poem In Hindiकोयल पर कविता ध्वनि जिसकी मनमोहक हैभोली भाली वह कोयल है,बोली से सबका ह्यदय जीतकरप्यारा सा गात जिसका कोमल है। जीवन का सच्चा राग सुनती हैंनिस्वार्थ भाव…