हास्य कविता : कोरोना और आप | Hasya Kavita Corona

कोरोना के समय में तनाव को कम करने और चेहरे पर मुस्कान लाने वाली हास्य कविता : कोरोना और आप - हास्य कविता : कोरोना और आप आप इस धरती के सबसे शक्तिशाली जीव हैं, ये बात आप अच्छी तरह से जानते हैं, ये बात और है कि आपके परमशत्रु…

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देशभक्ति कविता : हिंद की ओर | Desh Bhakti Kavita

देशभक्ति कविता : हिंद की ओर सहज-सहज, प्रभु को सिमर-सिमर। पग चले, प्रगति स्वर्ण, हिंद की ओर। धूमिल न हो राष्ट्र, छवि, विश्व पटल पर। चले सर्वत्र क्षण, स्वच्छता का उपक्रम। क्षण-क्षण, सदन-कुंज में हो प्रेम सदा। धीमें से चले, पग हिंद, उत्थान की ओर। प्रभु में विलीन हो, सर्व…

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प्रकृति वर्णन पर कविता | Prakriti Soundarya Par Kavita

प्रकृति वर्णन पर कविता झर-झर, झर झर, निर्झर, निशा नीर गिरे। कल-कल, करतल ध्वनि, तरंगिनी करें। चारू-चंचल, किरणें, मधुर समीर बहें। मृदु भूमि, शशी पूर्ण चांदनी सलील लगे।। झर-झर, झर-झर, झरने, रह, रह मधु नीर बहें। भूधर, उपवन, विचरण कर, सिंह शूर हिंद खड़े। सहज, समीर, सिमर प्रभु को वृक्ष…

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सुबह पर कविता :- एक दीप जलाकर | Subah Par Kavita

सुबह पर कविता प्यारा सा एक दीप जलाकर आंगन को रोशन कर डाला, तम के सहचर डर कर भागे जब लुप्त हुआ अँधेरा काला। भटके पथिकों को राह मिली यामिनी ने सिर पे घूंघट डाला, शांत बच्चों ने किया कोलाहल क्षण में छाया समक्ष उजाला। विहंगों को सन्देश सा हुआ…

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आओ सूरज का आहवान करें – कोरोना मुक्ति पर कविता

आप पढ़ रहे हैं - कोरोना मुक्ति पर कविता " आओ सूरज का आहवान करें " :- आओ सूरज का आहवान करें आतंकित है मनुष्य काेराेना के भय से आक्राेसित है विश्व अनचाहे त्रास से चूर हाे गया घमण्ड अधिनायकाें का हे! प्रकट हाे अशिम उर्जा बन दिव्यज्याेति अहिंसा की…

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