माँ की याद में कविता | Maa Ki Yaad Me Kavita

माँ की याद में कविता मां यदि तुम होती,, सारे सपने मेरे होते. इन सपनों का मै होता घर का आंगन.. घर में झूला, इन झूलों पर मैं होता। मां यदि तुम होती,, सारे सपने मेरे होते.. ना होती कोई कविता, कहानी, ना रोता जैसे रोता हूं, तेरे बिन ना…

Continue Readingमाँ की याद में कविता | Maa Ki Yaad Me Kavita

कोरोना पर दो कविताएं :- कोरोना को हराना है और हमसे तुम डरो ना

कोरोना पर दो कविताएं कोरोना को हराना है हर घर में यहीं नारा है, कोरोना को हराना है। इसने कैसा चक्कर चलाया, बड़े बड़ों को घर में बैठाया, अब इसको भी भागना है, फिर से घूमने जाना है। थाली से सब्जी गायब , मुंह से पान और मावा गायब, महंगा…

Continue Readingकोरोना पर दो कविताएं :- कोरोना को हराना है और हमसे तुम डरो ना

ग़ज़ल न तुम ही मिलोगे | Ghazal Naa Tum Hi Miloge

ग़ज़ल न तुम ही मिलोगे न तुम ही मिलोगे न हम ही मिलेंगे। फ़क़त सोज़-ए-हिज्रां में जलते रहेंगे। निभा दोनों लेंगे यूँ अपनी वफ़ा को अगर जी न पाए यक़ीनन मरेंगे। ज़माने के डर से बहुत खींची रेखा कभी ना कभी फ़ासले तो मिटेंगे। वो युग था पुराना ख़तों का…

Continue Readingग़ज़ल न तुम ही मिलोगे | Ghazal Naa Tum Hi Miloge

हिंदी कविता स्वप्न | बेटी का बाप | Kavita Beti Ka Baap

हिंदी कविता स्वप्न | बेटी का बाप वो दरवाजे पे खड़ी मुस्कुरा रही थी चिड़ियों को देख खिलखिला रही थी, तभी मां ने पीछे से उसको गोद में उठाया और वह जोर से चिल्लाई "पापा ओ पापा" "देखो ना! माँ मुझे खेलने नहीं दे रही" और अचानक से मेरी नींद…

Continue Readingहिंदी कविता स्वप्न | बेटी का बाप | Kavita Beti Ka Baap

हिंदी दिवस पर हास्य कविता :- हिंदी बहुत निराली है | Hindi Diwas Par Hasya Kavita

हिंदी भाषा का महत्त्व बताती हरीश चमोली जी की बेहतरीन रचना ( Hindi Diwas Par Hasya Kavita ) हिंदी दिवस पर हास्य कविता "हिंदी बहुत निराली है" हिंदी दिवस पर हास्य कविता हिंदी लगती मस्त निराली। घर में लाती है उजियाली। कौवा, तोता, कबूतर,मोर। हिंदी में ही मचाओ शोर। ये…

Continue Readingहिंदी दिवस पर हास्य कविता :- हिंदी बहुत निराली है | Hindi Diwas Par Hasya Kavita

दूर हो जाने पर कविता :- इस तरह छोड़ो मत मेरा साथ तुम यूँ

दूर हो जाने पर कविता मेरे सपनों को तुम,इस तरह तोड़ो मत। अपना रुख तुम कहीं,और मोड़ो मत। कि मर जायेंगे हम,अब तुम्हारे बिना मेरा साथ तुम यूँ,इस तरह छोड़ो मत। क्यूँ पागल बनाया,था तुमने मुझे गर जाना ही था तो,क्यूँ लगाई ये लत। सुनलो मेरी गुजारिश,तुम न जिद्दी बनों…

Continue Readingदूर हो जाने पर कविता :- इस तरह छोड़ो मत मेरा साथ तुम यूँ

हिंदी कविता कैसी आयी महामारी | Kavita Kaisi Ayi Mahamari

आज पूरा विश्व एक महामारी "कोरोना" से जूझ रही है इसी सन्दर्भ में पढ़िए हरीश चमोली जी की हिंदी कविता कैसी आयी महामारी :- हिंदी कविता कैसी आयी महामारी मानवता में देखो यह कैसी आयी महामारी? छुआछूत की बीमारी यह,प्रचंड रूप है धारी। करके कैद,घर में खुद को,बच पायेगा जन-जन,…

Continue Readingहिंदी कविता कैसी आयी महामारी | Kavita Kaisi Ayi Mahamari

छाया वसुधा पर विकट अंधेरा कविता | Chhaya Vasudha Par Vikat Andhera Kavita

छाया वसुधा पर विकट अंधेरा कविता पल में बदला विचित्र मौसम छाया वसुधा पर विकट अंधेरा, वृक्ष व मानव कर रहे कामना कब प्रकट होगा मधुमय सवेरा। सुगंधित प्रसून हुए उदास समय का अदभुद चक्र चला, भौरा पुष्प के भीतर बैठकर कह रहा कब होगा मेरा भला। नील गगन भी…

Continue Readingछाया वसुधा पर विकट अंधेरा कविता | Chhaya Vasudha Par Vikat Andhera Kavita