हिंदी कविता क्या लिखूं क्या छोड़ दूँ | Hindi Kavita Kya Likhu

  हिंदी कविता क्या लिखूं क्या छोड़ दूँ शूल सा चुभता हर पल नित् कैसे वो वेदना तोड़ दू, ख्वाहिश हुई इसे लिखने की,पर क्या लिखूं क्या छोड़ दूं। कुछ वर्ष बीते है संगम धरा पर जो लग रहा है युगों समान, अन्न ग्रासन भी इस देवधरा का लग रहा…

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देश के जवान पर कविता :- निज देश प्रेम भाता है

आप पढ़ रहे हैं ( Desh Ke Jawan Par Kavita ) देश के जवान पर कविता " निज देश प्रेम भाता है " :- देश के जवान पर कविता छोड़कर घर का सुख, जो सीमा पे जाता है। दुश्मन की छातियों पे, तिरंगा गाड़ आता है। नहीं है मोह जीवन…

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तुम याद बहुत आती हो कविता | Yaad Bahut Aati Ho Kavita

तुम याद बहुत आती हो कविता हम क्या सोचते है और क्या होता है ना जाने ये दिल क्यों रोता है, नजरों से तुम सब कुछ कह जाती हो , तुम याद बहुत आती हो। तेरे बिन हर पल बुरा लगता है, तेरा चेहरा सामने हो तो मन पराग सा…

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