जिंदगी की कविता :- लौट आ मेरी ज़िन्दगी | Zindagi Ki Kavita

उदास हो चुकी जिंदगी को फिर से मानाने की कोशिश की कविता " जिंदगी की कविता " जिंदगी की कविता लौट आ मेरी ज़िन्दगी तू कहीं से तन्हाई का दामन तोड़ते हुए, हवा के झोंकों के साथ फिर से मुझे तारों ताजा कर दें, मुरझा गई है जिंदगी सूखे गुलाब…

Continue Readingजिंदगी की कविता :- लौट आ मेरी ज़िन्दगी | Zindagi Ki Kavita

शब्द पर हिंदी कविता :- क्योंकि मैं शब्द हूँ

अपना परिचय देते हुए शब्द पर हिंदी कविता :- शब्द पर हिंदी कविता हांँ मैं भ्रष्ट हूँ ऊंची नीची अनुभव की डगर पर चलती हूँ कभी गिरती हूँ कभी फिसलती हूँ मन के भावों को टटोलती हूँ अनायास ही कुछ विचार कुछ तर्क कुछ बहस मुझे स्पर्श कर लेते हैं…

Continue Readingशब्द पर हिंदी कविता :- क्योंकि मैं शब्द हूँ