पावस ऋतु पर कविता :- श्यामल काली घटा | Pavas Ritu Par Kavita

बारिश की रिमझिम बूंदों के दृश्य का वर्णन करती पावस ऋतु पर कविता " श्यामल काली घटा " :- पावस ऋतु पर कविता मैं देख दंग रह गया छवि छटा! नीलनभ में श्यामल काली घटा!! मानो वह वर्षासुन्दरी की आँखो की हो काजल ! उसे देख मन मेरा हो रहा…

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वतन पर कविता :- ये है मेरा वतन | Watan Par Kavita

देश प्रेम की भावना से ओत-प्रोत वतन पर कविता " ये है मेरा वतन " :- वतन पर कविता ये है मेरा वतन मेरा गंगा जमन। ये देश है गौतम गांधी काये देश है नेहरू शास्त्री कायहाँ तिरंगा प्यारा हैयहाँ गंग जमुन की धारा हैमेरा तन मन मेरा है जीवन।…

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