हिंदी कविता अल्हड़ जवानी | Hindi Kavita Alhad Jawani

हिंदी कविता अल्हड़ जवानी जीवन की भी है,अलग ही व्यथा। बचपन, जवानी, वृद्धा अवस्था। निकला बचपन खेलने कूदने में। नित नए रोज सपने बुनने में। फिर हुए किशोर,आ गई अल्हड़ जवानी। जोश खरोश से, बात- बात में करते नादानी। जवानी का नशा,ऐसा मतवाला। नहीं कोई मेरा जैसा, दिलवाला। नहीं समझा…

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हिंदी कविता अभिलाषा | Hindi Kavita Abhilashsa

आप पढ़ रहे हैं ( Hindi Kavita Abhilashsa ) हिंदी कविता अभिलाषा हिंदी कविता अभिलाषा तू मेरे तन की तनया है। तेरे रोम-रोम मे खुशबू है मेरी। तू तनय से भी तेज तर्रार है। पर समाज मे तेरे मान की रार है। अब तू बदल,बदला है समय। समय के साथ…

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