हवा पर छोटी कविता | Hindi Poem On Air | Hawa Par Kavita
Hindi Poem On Air आप पढ़ रहे हैं हवा पर छोटी कविता :- Hindi Poem On Airहवा पर छोटी कविता नदियों से बहते हुएपहाड़ों को छू कर, झाड़ियों से झगड़ करझरनों से सिमटकर। पक्षियों को आकाश में दौड़ाकरकुछ कहती है, पास आकरकानों में फूस-फुसाकरगालों से टकराकरकुछ कहती है, सुनो पास…