भ्रष्टाचार पर कविता :- देश के सारे भ्रष्टाचारी

आप पढ़ रहे हैं भ्रष्टाचार पर कविता :- भ्रष्टाचार पर कविता इस देश के लिए हम मर मिटेंगे, देश के सारे भ्रष्टाचारी अब पिटेंगे। फर्जीवाड़ा करके बना दिया श्मशान, चली गई उसमें कितने लोगों की जान। जिधर देखूं उधर सब भ्रष्टाचारी नजर आते, यह कभी नहीं सुधरेंगे देश के गद्दार…

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हिंदी कविता मुन्ने की पोथी | Hindi Kavita Munne Ki Pothi

आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता मुन्ने की पोथी :- हिंदी कविता मुन्ने की पोथी मेरी पोथी हो सबसे न्यारी। न ज्यादा मोटी न भारी। मुझे लगती है बड़ी प्यारी। उसमें खूब सारे हो चित्र। मैं खूब करू उनसे बातें। मेरा हो पन्ना उसमें एक। मैं काम करूं सारी रातें। उसमें…

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विश्व हिंदी दिवस पर छोटी कविता | Vishva Hindi Diwas Kavita

आप पढ़ रहे हैं विश्व हिंदी दिवस पर छोटी कविता :- विश्व हिंदी दिवस पर छोटी कविता हिन्दी भाषा हो हर मन की । भाषा बन जाये यह जन जन की ।। हिन्दी भाषा अपनी भाषा, सब में यह अभिमान हो । समृद्ध बने हिन्दी भाषा, कहीं नहीं अपमान हो…

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