हिंदी कविता मृगमरिचिका | Hindi Kavita Mrig Marichika

आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता मृगमरिचिका :- हिंदी कविता मृगमरिचिका मृगमरिचिका जीवन सारा तृष्णा में डूबा जाता है। तृष्णाग्रस्त हो खोया रहता , हाथ नहीं कुछ आता है। मरुभूमि में उज्जवल जल सा... बार-बार बहकाता है। कस्तूरी सा दिशाविहीन मन, भटका- भटका जाता है। रेत ,खार की परतों पर…

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हिंदी कविता मुकदमा | Hindi Kavita Mukadma

आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता मुकदमा :- हिंदी कविता मुकदमा संस्कृति ,सभ्यता, परंपराएं.. कटघरे में घबरायें, पेशी हैआज उनकी... आधुनिकता मुस्कुराए। निगल जाएगी वह जैसे आंखें उन्हें दिखाएं । घबराहट और डर से तीनों दम तोड़ती सी जाएं। मुकदमा पहला खोला, जोरदारी से है वह बोली, शोषण की लंबी…

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ब्लैक होल पर कविता | Blackhole Par Kavita

आप पढ़ रहे हैं ब्लैक होल पर कविता :- ब्लैक होल पर कविता शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण शक्ति के स्वामी तुम, मंशा क्या है तुम्हारी? खींच लेते हो सारा उजास क्यों???? घुप्प............ अंधेरा ....... अंधे गहरे कुएं जैसे.....। भौतिक विज्ञान के सारे नियम बौने हो जाते हैं तुम्हारे आगे। विशालकाय तारे से…

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गंगा पर कविता :- बहती धारा | Ganga River Poem In Hindi

आप पढ़ रहे हैं गंगा पर कविता " बहती धारा " :- गंगा पर कविता शिव की शिखा से बहती वह अमृत अविरल धारा। स्वर्गलोक से उतर धरा, लोगों के पापों को तारा। जन लोक कल्याण कर, सबका जीवन तारा। अपने साथ वह लाई, कई अन्य बहती धारा। मानव ने…

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