विश्व जल दिवस पर व्यंग्य | Vishva Jal Diwas Par Vyangya

आप पढ़ रहे हैं विश्व जल दिवस पर व्यंग्य :- विश्व जल दिवस पर व्यंग्य जल संरक्षण स्लोगन बन कर... लटक रहा हर द्वार, नेताजी चिल्ला कर बोले.. जल बचाओ.. मेरे यार। कार्यालय में अधिवेशन है बहस बड़ी जोरदार, छत पर ऊपर टंकी भर गई... फैलता रहा जल.. घंटों हुआ…

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नाराजगी पर कविता | Narazgi Par Kavita

आप पढ़ रहे हैं नाराजगी पर कविता :- नाराजगी पर कविता जब नाराज़ हो जाती हो तुम.. बैचेन हो जाता हूं मै। तारों बिन.. उदास आसमान सा। जैसे सूर्य की लालिमा पर मंडराया हो काला बादल। जैसे काली कजरारी आंखों से बह निकला हो काजल। जैसे भरभरा के फट पड़ा…

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जल संरक्षण पर कविता | Jal Sanrakshan Par Kavita

आप पढ़ रहे हैं 22 मार्च को मनाये जाने वाले जल दिवस को समर्पित " जल संरक्षण पर कविता " :- जल संरक्षण पर कविता जल ही तो जीवन है जल पर न हो कोई रण, संरक्षण के करो अनेक उपाय जल का करो पनर्भरण। नासमझी में या समझकर जो…

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