Beti Par Hindi Kavita | बेटी पर हिंदी कविता – स्वाभिमान है बिटिया |

Beti Par Hindi Kavita आप पढ़ रहे हैं बेटी पर हिंदी कविता :- Beti Par Hindi Kavitaबेटी पर हिंदी कविता विवाह की दहलीज पर बैठी।वह वैदही सी लगती है ।।कर सोलह सिंगार लाल जोड़े में ।बहुत खूबसूरत सी लगती है ।। फिरों की विधि में बैठी ।माता-पिता का स्वाभिमान लगती…

Continue ReadingBeti Par Hindi Kavita | बेटी पर हिंदी कविता – स्वाभिमान है बिटिया |

हिंदी कविता दहलीज | Hindi Kavita Dahleez

आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता दहलीज :- हिंदी कविता दहलीज माँ मन करता है तू बांहे फैलाये , और मे गले लग जाऊं, थोड़ा सा,,,,,,, रो कर मन को कर लूं हल्का , क्यों माँ अपनी दहलीज से विदा किया । जो आज मन उदास है तेरी यादों के…

Continue Readingहिंदी कविता दहलीज | Hindi Kavita Dahleez

अपना गाँव कविता :- मेरी पहचान मेरा गाँव | Apna Gaon Kavita

आप पढ़ रहे हैं अपना गाँव कविता :- अपना गाँव कविता माना कि आज सबको शहर पसंद है, तो तुम गांव नहीं आते हो ... और मेरे गांव को गवार कहते हो । पता है हमें औकात शहर की .. रिश्तो के अपनेपन को तार-तार देखा है। सूने पड़े मकान,…

Continue Readingअपना गाँव कविता :- मेरी पहचान मेरा गाँव | Apna Gaon Kavita

होली बधाई कविता | Holi Badhai Kavita

आप पढ़ रहे हैं होली बधाई कविता :- होली बधाई कविता बस रंगों का त्योहार हैं होलीऔर ढंगों का त्योहार हैं होलीमिलजुल जाए आपस में सारेऐसा यहीं ईक़ त्योहार हैं होली करती फिज़ा ज़वान हैं होलीबदलतीं हिज़ा इंसान की होलीधरती अम्बर एक सा करतीकरती खिज़ा गुलज़ार की होली खाते सब…

Continue Readingहोली बधाई कविता | Holi Badhai Kavita

हिंदी होली गीत :- तब समझों पर्व ये होली हो | Hindi Holi Geet

आप पढ़ रहे हैं हिंदी होली गीत :- हिंदी होली गीत सब हित मीत हमजोली हो प्यार इश्क़ की बोली हो ग़र मिल जाये भूलें भटकें तब समझों पर्व ये होली हो उसे हर रंग गुलाल अबीर हो सब अल्हड़ मस्त फ़क़ीर हो हर गम से दूर , कबीर हो…

Continue Readingहिंदी होली गीत :- तब समझों पर्व ये होली हो | Hindi Holi Geet