हिंदी कविता प्राणायाम | Hindi Kavita Pranayam

आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता प्राणायाम :- हिंदी कविता प्राणायाम प्राणों का रक्षक, होता है प्राणायाम। नित्य करना चाहिए, सुबह और शाम। बाह्य अंगों के लिए, होता है योग। प्राणायाम बनाता है, आंतरिक अंगों को निरोग। दिनचर्या का हिस्सा हो, आसन और योग। पर एक दूसरे का, मत भूलो…

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कविता काली का हो अवतार | Kaali Ka Ho Avtaar Kavita

आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता काली का हो अवतार :- कविता काली का हो अवतार बढ़ते कलयुग की छाया में पाया असुरों ने फिर आकार, फिर काली का हो अवतार, फिर काली का हो अवतार। सत्यभूमि अब बनी मरुस्थल झूठ की बढ़ रही पैदावार, फिर काली का हो अवतार,…

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