गंगा जी पर कविता :- गंगा नदी ही नहीं है | Ganga Ji Par Kavita

आप पढ़ रहे हैं गंगा जी पर कविता :- गंगा जी पर कविता गंगा नदी ही नहीं है, हमारी संस्कृति का प्रतीक है।। गंगा के प्रवाह में विहित ऊर्जा की वह दिव्य शक्ति है।। गंगा की वेदना ... कही नहीं जाती हैं, वह दिन पे दिन प्रदूषित होती जाती हैं।।…

Continue Readingगंगा जी पर कविता :- गंगा नदी ही नहीं है | Ganga Ji Par Kavita

हिंदी कविता चन्दा मामा | Hindi Kavita Chanda Mama

आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता चन्दा मामा :- हिंदी कविता चन्दा मामा चंदा मामा चन्दा मामा चन्दा मामा! अब तो सूरज ढल गयी है निकलो मामा!! चंदा मामा चन्दा...........! आसमान में घना अंधेरा छाया देखो! निशा ने घनघोर अंधेरा लाया देखो!! चंदा मामा चन्दा........! गोल-मटोल चेहरा अपना दिखलाओ मामा!…

Continue Readingहिंदी कविता चन्दा मामा | Hindi Kavita Chanda Mama