ज्ञान की कविता :- भ्रम की पोटली | Gyan Ki Kavita
आप पढ़ रहे रहे हैं ( Gyan Ki Kavita ) ज्ञान की कविता :- ज्ञान की कविता कब तक चलते रहोगे। लेकर भ्रम की पोटली को हाथ में। मेरे बाद में कैसे, क्या होगा, मेरे परिवार के साथ में। यहां कोई किसी का नही, यहां पालते है सब भ्रम को।…