Bhagwan Par Kavita | भगवान पर कविता | Beautiful Poem On God
Bhagwan Par Kavita आप पढ़ रहे हैं भगवान पर कविता :- Bhagwan Par Kavitaभगवान पर कविता मंदिरों के द्वार पररस्में सारी निभाईघंटी, शंख की गूँज थींपर आवाज़,तुम्हारी ही नहीं आई। प्रार्थनाएँ की बहुतना जाने कितनी बारअजस्र स्वर फैला थाअनहद नाद सा प्यार। सुख दुख,दोनों ने हीं तुम्हेंयाद किया कई कई…