शिव शक्ति कविता – हे शिव,स्वयंभू | God Shiv Shakti Kavita
Shiv Shakti Kavita - आप पढ़ रहे हैं शिव शक्ति कविता - हे शिव,स्वयंभू :- शिव शक्ति कविता हे प्रणव.. हे शिव,स्वयंभूआप अनादि,आप हीं सृष्टिहे शंकर, परम ब्रह्मप्राचीन,अर्वाचीनअर्धनारीश्वर रूप हैं हे शंकर, हे महादेवआप निर्विकार,निराकारजग आपने साकार रचाशीश गंग,चन्द्र भार लिएसृष्टि पालनकर्ता हैं…. हे प्रणव प्रणाम आपको…मानव निर्मित चित्रित चित्रों कोंदेख - देख कर…