लखनऊ की रहने वाली वंदना जी एक पत्नी, गृहिणी, माँ, बहु और शिक्षिका हैं। इन्हें कविताएँ लिखने और पढ़ने का शौक है। इनकी कविता रूपायन पत्रिका और दूसरी वेबसाइट पर भी प्रकाशित होती रही है।
इस दुनिया को छोड़ जाने के बाद एक उम्दा शायर राहत इंदौरी जी के नाम शब्दों की इक श्रद्धांजलि :- राहत इंदौरी जी के नाम चंद मोती शब्दों के पिरोह इक माला बनाई है, श्रद्धांजलि समझ उन्हें पहनाई है। क्यूँ कहते हो वे चले गए, अपनी शायरी नज्मों में तो…
Nari Samman Par Kavita हमारे समाज में नारी को किस नजर से देखा जाता है इसी विषय पर आधारित है यह नारी सम्मान पर कविता :- Nari Samman Par Kavitaनारी सम्मान पर कविता नारी सम्मान का पाठकब हम जीवन कीपुस्तक में लाएंगे,होता रहा जो सदियों से अब तकउसे क्या कभी…