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कविता अखंडता की अस्मिता

कविता अखंडता की अस्मिता | Kavita Akhandta Ki Asmita

कविता अखंडता की अस्मिता कविता अखंडता की अस्मिता अखंडता की अस्मिता को शत्रु छेड़ते हो...

कविता अरदास मेरे मन की

कविता अरदास मेरे मन की | Kavita Ardaas Mere Man Ki

कविता अरदास मेरे मन की कविता अरदास मेरे मन की अरदास मेरे मन कीमाँ बेकार...

हिंदी कविता बिखरे सपने

हिंदी कविता बिखरे सपने | Hindi Kavita Bikhre Sapne

हिंदी कविता बिखरे सपने – हिंदी कविता बिखरे सपने मीठे एहसासों के झोंको संगतेरी यादों...

बुजुर्गों का सम्मान पर कविता

बुजुर्गों का सम्मान पर कविता | Bujurgon Ka Samman Par Kavita

बुजुर्गों का सम्मान पर कविता बुजुर्गों का सम्मान पर कविता घर-घर में बढ़ गया कपट,कोने में वृद्ध गए सिमट,रोज-रोज होती खटपट,सब करते इनसे नफरत। हो जाते जब वृद्ध अपंग, जीवन हो जाता बदरंग,नहीं कोई अब रहते संग,अजीब है दुनिया का ढंग। वृद्ध सारे करते विषपान,बच्चे करते सब अमृतपान,वृद्धजनों की हम सन्तान,वृद्ध बनते सबकी पहचान। कुछ वृद्धजन हैं धनवान,विदेश में रहे उनकी सन्तान,सोच-सोचकर हैं परेशान,खतरे में रहते उनके प्राण। ताके कभी न पुत्र जवान, मिट गए उनके अरमान,वृद्ध की लाठी,वृद्ध की जान,वही है अब इनकी संतान।...