धूप पर कविता – जाड़ें की धूप | Dhoop Poem In Hindi
धूप पर कविता धूप पर कविता बादलों की झुरमुटसे झांकता सूरजमानों खेलता नन्हाओज से भराबालक...
धूप पर कविता धूप पर कविता बादलों की झुरमुटसे झांकता सूरजमानों खेलता नन्हाओज से भराबालक...
कविता अखंडता की अस्मिता कविता अखंडता की अस्मिता अखंडता की अस्मिता को शत्रु छेड़ते हो...
भूख पर कविता भूख पर कविता भूख की कामना है मिले रोटियांरहे सम्मान ना या...
दया पर कविता दया पर कविता सूख गयी है ताल तलैयाठप बैठे हैं नदी की...
कविता अरदास मेरे मन की कविता अरदास मेरे मन की अरदास मेरे मन कीमाँ बेकार...
हिंदी कविता बिखरे सपने – हिंदी कविता बिखरे सपने मीठे एहसासों के झोंको संगतेरी यादों...
मौत पर कविता मौत पर कविता अमर कोई ना होगा यहाँ पेछिन जायेगी नैनों की...
कविता जीवन माँ का दर्पण – कविता जीवन माँ का दर्पण ये जीवन माँ का...
हिंदी गीत – आशीष तेरा माँ हिंदी गीत – आशीष तेरा माँ तर्ज : ये...
क्षमादान पर कविता क्षमादान पर कविता क्षमा दान यदि कर पाओ तोकरके बन जाओ भगवानक्षमा...
गीत – माँ हमको तेरा प्यार मिला गीत – माँ हमको तेरा प्यार मिला कोई...
बुजुर्गों का सम्मान पर कविता बुजुर्गों का सम्मान पर कविता घर-घर में बढ़ गया कपट,कोने में वृद्ध गए सिमट,रोज-रोज होती खटपट,सब करते इनसे नफरत। हो जाते जब वृद्ध अपंग, जीवन हो जाता बदरंग,नहीं कोई अब रहते संग,अजीब है दुनिया का ढंग। वृद्ध सारे करते विषपान,बच्चे करते सब अमृतपान,वृद्धजनों की हम सन्तान,वृद्ध बनते सबकी पहचान। कुछ वृद्धजन हैं धनवान,विदेश में रहे उनकी सन्तान,सोच-सोचकर हैं परेशान,खतरे में रहते उनके प्राण। ताके कभी न पुत्र जवान, मिट गए उनके अरमान,वृद्ध की लाठी,वृद्ध की जान,वही है अब इनकी संतान।...