हिंदी कविता ममतामयी माँ | Hindi Kavita Mamtamayi Maa

आप पढ़ रहे हैं "हिंदी कविता ममतामयी माँ " :- हिंदी कविता ममतामयी माँ (तर्ज: जिसकी प्रतिमा इतनी…..) ममतामयी माँ शरण में आयाअपनी दया दिखा देनामेरे सिर पर हाथ धरो माँज्ञान की ज्योति जगा देनाज्ञान की ज्योति जगा देना…..2 तु बिगडे़ सबके काज संवारेरोम रोम आभास तेराश्रद्धा की आवाज तुझी…

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कविता माँ की जय जयकार | Kavita Maa Ki Jai Jaikar

आप पढ़ रहे हैं "कविता माँ की जय जयकार ":- कविता माँ की जय जयकार बिठा के अपने मन मंदिर मेंमाँ की जय जयकार करो !फूल मिलें चाहे मिले हो कांटेसबको हंसके स्वीकार करो !! सारी दुनिया को छोड़ करहम शरण तुम्हारी आए हैं !जिसमें हो हम सबका भलावह अब…

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कविता अपने आँचल की ममता | Kavita Apne Aanchal Ki Mamta

आप पढ़ रहे हैं कविता अपने आँचल की ममता :- कविता अपने आँचल की ममता अपने आँचल की ममता मेरे सिर धरो।मैया नश्वर है तन इसको पावन करो।। आस बरसों से दिल में लगा के रखीइक दिन घर को हमारे माँ आयेगी तु,तेरी ममता की छाया मिलेगी हमेंआके बच्चों को…

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कविता माँ तो है परछाई | Kavita Maa To Hai Parchhai

कविता माँ तो है परछाई कविता माँ तो है परछाई माँ तो है परछाई हमारीइसकी दया का मोल नहीं!मागें बिना हो मुरादें पूरीइसकी कृपा का तोल नहीं!! तन मन निज अर्पण करकेचरणों में शीश झुकाना सब,कहो शरण में तेरी आयें हैसंकट हरोगी मेरे कब,जुबां में रस भक्ति का भरदेतेरे सिवा…

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कविता माँ की यादें – तेरे इस आँचल में | Kavita Maa Ki Yaadein

कविता माँ की यादें कविता माँ की यादें मेरी उम्र बीतती जाती हैपल-पल तुझे बुलाने में!जाने कितनी यादें भरी हैतेरे इस आँचल में!! क्या सच में दूर गयी है हमसेऐसा हमको लगा नहीं,भावों को समझा निज मन केदु:ख में कभी मैं भगा नहीं,इक सुकून सा मिलता हैखुद को यूँ ही…

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धूप पर कविता – जाड़ें की धूप | Dhoop Poem In Hindi

धूप पर कविता धूप पर कविता बादलों की झुरमुटसे झांकता सूरजमानों खेलता नन्हाओज से भराबालक झांक रहा हो, चमकता तेजसुनहरा बदनरक्त लालिमायुक्त धीरे धीरेमानव दुनिया मेंकदम रखएक टक ताक रहा हो, मानव में कुलबुलाहटशुरू हो गईआहट पाते हीसूरज का,किसी अपनेजीवन का आधारसा इसे हर कोई आक रहा हो, हर्षित तन मनखिलते मुस्कराते…

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कविता अखंडता की अस्मिता | Kavita Akhandta Ki Asmita

कविता अखंडता की अस्मिता कविता अखंडता की अस्मिता अखंडता की अस्मिता को शत्रु छेड़ते हो जब,तो एकता के जागरण का गान कविता है सुनो,राष्ट्र की समुन्नति जब अवनति के द्वार हो तो, चेतना में प्राण का उत्थान कविता है सुनो,सिन्धु पार जाने को बजरंगी भूले शक्ति को,तो जामवंत जो जगाएं शक्ति…

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भूख पर कविता – भूख की कामना है | Bhookh Par Kavita

भूख पर कविता भूख पर कविता भूख की कामना है मिले रोटियांरहे सम्मान ना या बिके बेटियांभूख की आग जलती है बुझती कहां?इसके आगे ना दिखती है जन्नत जहां।  आग में जलते देखा है बच्चे जवांभूख से जो तड़प करके देते हैं जां रोटियां हो कई दिन पुरानी तो क्याभूख में…

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दया पर कविता – हम पक्षी पर दया करो | Hindi Poem On Kindness

दया पर कविता दया पर कविता सूख गयी है ताल तलैयाठप  बैठे  हैं नदी की नैयाचिंगारी  सी  है  दोपहरियाएक बर्तन पानी धरा करो!हम पक्षी पर दया करो।   हम पक्षी अब तड़प रहे हैंनदियां  नाले चटक रहे हैंपानी  का आसार कहीं नहम बेजुबान का भला करो!हम पक्षी पर दया करो।   भटक-भटक…

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कविता अरदास मेरे मन की | Kavita Ardaas Mere Man Ki

कविता अरदास मेरे मन की कविता अरदास मेरे मन की अरदास मेरे मन कीमाँ बेकार नहीं होगी,तु संग है तो जीवन मेंकभी हार नहीं होगी।। गमों से टूट जाऊं मैंमाँ ये हो नहीं सकता,बेटे हो गर दु:ख में तोपिता सो नहीं सकता,माँ-बाप बिन नैयाभवपार नहीं होगी,तु संग है तो जीवन…

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हिंदी कविता बिखरे सपने | Hindi Kavita Bikhre Sapne

हिंदी कविता बिखरे सपने - हिंदी कविता बिखरे सपने मीठे एहसासों के झोंको संगतेरी यादों में खो जाता हूँ।तेरे आँचल रूपी आँगन मेंखिलने को इतराता हूँ।। सोचा था सारा जीवन मेंतेरा सहारा बन जाऊंगाआकाश के नीचे धरती परचरणों को तेरे सजाऊंगाकाश ना जाती तु छोड़ हमेंबस यही सोच तड़पाता हूँअब…

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मौत पर कविता – अमर कोई ना होगा यहाँ पे | Maut Par Kavita

मौत पर कविता मौत पर कविता अमर कोई ना होगा यहाँ पेछिन जायेगी नैनों की ज्योति,जल कर राख है होना सबकोक्यों साँसों की माला पिरोती।। क्या काया और क्या मायाक्या धन दौलत साथ जायेगा,छल कपट का तिलक लगा केक्या गंगा में तू नहायेगा,माना आज हो सुंदर कल कोइक दिन बुढ़े…

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