हिंदी कविता बिखरे सपने

हिंदी कविता बिखरे सपने

हिंदी कविता बिखरे सपने

मीठे एहसासों के झोंको संग
तेरी यादों में खो जाता हूँ।
तेरे आँचल रूपी आँगन में
खिलने को इतराता हूँ।।

सोचा था सारा जीवन में
तेरा सहारा बन जाऊंगा
आकाश के नीचे धरती पर
चरणों को तेरे सजाऊंगा
काश ना जाती तु छोड़ हमें
बस यही सोच तड़पाता हूँ
अब टूटे मन की वीणा से
मैं गीत नहीं लिख पाता हूँ।।

मीठे एहसासों………

मन मंदिर में तुम्हें सजाया था
पलकों से सपने रूठ गये
अन्तस मन की पीड़ा में
धैर्य के बाँध सारे टूट गये
टूटी प्रीत की प्याली से में
धोखे का जहर पीता हूँ
बिखर गया तेरी यादों संग
तन्हाई में बस जीता हूँ।।

मीठे एहसासों………

मेरे सपनों के सम्बल में माँ
अवलम्बन कोई ना बन पाया
संजोया था जो प्रेम दिल में
अभिनंदन ना कर पाया
नजरों से छूटे सारे नजारे
मैं पतझड़ बन के जीता हूँ
विछोह की आग में जलकर
गमों का धुआँ पीता हूँ।।

मीठे एहसासों………

चाहत का दिया बुझा करके
क्यूँ रोशनी में मोड़ गयी माँ
छली अंधेरा देकर खंडहर
क्यूँ भटकता छोड़ गयी माँ
बेबसी की धुंधली राहों में
मैं इधर-उधर टकराता हूँ
खामोशी भी रोने लगी है माँ
जब मैं चुप हो जाता हूँ।।

मीठे एहसासों के झोंको संग
तेरी यादों में खो जाता हूँ।
तेरे आँचल रूपी आँगन में
खिलने को इतराता हूँ।।

पढ़िए :- हिंदी कविता ” सपनों की दुनिया “


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