नाम – प्रशांत त्रिपाठी
पिता – श्री शिवशंकर त्रिपाठी
पता – गोपालपुर नर्वल कानपुर नगर
रूचि – कविता लिखना और गणित विषय अध्यापन कार्य।

Pyar Par Kavita | प्यार पर कविता

Pyar Par Kavita - आप पढ़ रहे हैं प्यार पर कविता :- Pyar Par Kavitaप्यार पर कविता एक बात कहूँ ये प्यार न करना,धोखा है ये कभी इकरार न करना ।भौंरा करता है फूल से प्यार,बाद में पड़ता है उसको मरना।अनमोल समय बर्बाद न करना,एक बात कहूँ ये प्यार न…

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पापा पर कविता :- जिनके हम बच्चे है | Papa Par Kavtia

आप पढ़ रहे हैं पापा पर कविता :- पापा पर कविता जिनके हम बच्चे है, वो कितने अच्छे है। मेरा अभिमान है पापा जी, मेरा स्वाभिमान है पापा जी, मेरे लिए मेरा आसमान है पापा जी, मेरी तो पहचान है पापा जी। हर गलती में थोड़ा सा डांटते है, ये…

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उनकी याद आई है :- किसी की याद में प्रशांत त्रिपाठी जी की कविता

किसी की याद में लिखी गयी कविता उनकी याद आई है :- उनकी याद आई है आज फिर से उनकी याद आई है,दिल रो रहा है आंख भर आई है। चुपके चुपके सिसकियां लेता हूं,ये सजा है मेरी क्यो लगन लगाई है।आज फिर से उनकी याद आई है।। घर के…

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गाँव पर कविता | गाँव की याद में कविता | Gav Par Hindi Kavita

Gav Par Kavita In Hindi गाँव पर कविता शहर में आने के बाद गाँव की यादें ही साथ रह जाती हैं। उन्हीं यादों पर आधारित है यह गाँव पर कविता :- Gav Par Kavita In Hindiगाँव पर कविता आके शहर वो हम गांव को भूल गए,रिश्ते जो थे वो गांव…

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हिंदी कविता कौन थी वो :- प्रशांत त्रिपाठी द्वारा रचित कविता

किसी खास की याद में हिंदी कविता कौन थी वो :- हिंदी कविता कौन थी वो कौन थी वो जो मुस्कुरा के चली गई, मेरे दिल में प्रीत की आश जगा के चली गई। जैसे पके फल को देखकर आता है मुंह में पानी, वैसे ही मुझे इमली दिखा के…

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गौरैया दिवस पर कविता :- कहां गए ओ पंछी प्यारे | Gauraiya Par Kavita

बचपन में आप में से कई लोगों के घे में गौरैया ने घर जरूर बनाया होगा। गाँव में तो ये आम ही देखने को मिल जाती थीं। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इनका दिखना कम हो गया है। इसीलिए इन्हें बचाने और इनके प्रति इंसानों को जागरूक करने के लिए…

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