बचपन में आप में से कई लोगों के घे में गौरैया ने घर जरूर बनाया होगा। गाँव में तो ये आम ही देखने को मिल जाती थीं। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इनका दिखना कम हो गया है। इसीलिए इन्हें बचाने और इनके प्रति इंसानों को जागरूक करने के लिए 20 मार्च के दिन पूरे विश्व में गौरैया दिवस मनाया जाता है। आखिर क्यों हुई गौरैया की संख्या कम इसी विषय पर आधारित है गौरैया दिवस पर कविता ” कहां गए ओ पंछी प्यारे ” :-

गौरैया दिवस पर कविता

गौरैया दिवस पर कविता

कहां गए ओ पंछी प्यारे कहां गई वो गौर चिरैया,
चू चू सुनकर मेरा मन बोले ता ता थैया थैया।
किस बात से तुम गुस्साई किस बात से घबराई हो,
मिलोगी जिस दिन तुम पूछेंगे तुमसे सब पापा भैया।।

घर की छत में आने से कुछ रंगत बढ़ जाती थी,
देख तुझे यूं वो छोटी बच्ची कितना मुस्काती थी।
तेरे पीछे चलना तुझे पकड़ना सपना होता था,
धीरे धीरे चलना फिर तेरा फुर्र हो जाना होता था।
अपनी छोटी सी छत पर ही होती थी भुलभुलैया,
कहा गए ओ पंक्षी प्यारे कहां गई वो गौर चिरैया।।

रक्षा करना भी तेरी अपनी जिम्मेदारी थी,
तेरे घर में हो खुशहाली तब मेरे घर में खुशहाली थी।
याद तो होगा तुमको जब बिल्ली ने काटा था,
चिल्लाई थी तुम डर के मारे तेरा रोम रोम कांपा था।
लाया था तुमको घर में फिर मां ने दी थी ठंडी छैया,
कहा गए ओ पंक्षी प्यारे कहां गई वो गौर चिरैया।।

( गौरैया का जवाब)

भैया माफ करो मुझको क्यों हैं इतने सवाल उठाए,
जितने थे वो बाग बगीचे सब के सब क्यों कटवाए।
मेरे घर बर्बाद किए फिर अपने घर हैं बनवाए,
अपने घर में खुश रहना तुम हम दूर बहुत हैं निकल आए।
दूरी है दुनियां से मेरी मत पास बुलाओ भैया,
मैं चली मैं चली मैं चली मेरा नाम है गौरैया।
खूब बजाओ बाजे अब नाचो ता ता थैया थैया ।।

पढ़िए :- गौरैया पर कविता “ओ मेरी प्यारी गौरैया”


रचनाकार का परिचय :-

प्रशांत त्रिपाठी

नाम – प्रशांत त्रिपाठी
पिता – श्री शिवशंकर त्रिपाठी
पता – गोपालपुर नर्वल कानपुर नगर
रूचि – कविता लिखना और गणित विषय अध्यापन कार्य।

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धन्यवाद।

This Post Has 2 Comments

  1. Avatar
    Jayant Pandey

    उत्कृष्ट कविता

  2. Avatar
    AKASH AWASTHI

    this is the sign of rise a famous poet …………keep it up….spread the light of your poetry in whole world….all the best.

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