देवी पर कविता | Devi Stuti Kavita | Beautiful Poem

आप पढ़ रहे हैं देवी पर कविता :- देवी पर कविता शुभ्र शुचिता शुभम, श्वेत पदमासनम,सर्वगुणसम्पदम, त्वम विनय वारिधि ।।शारदे पूण्यतम, पथ पुनितम परम,मंगलम स्नेह, सुख वर्धिनी, स्वरनिधि ।।विंध्य गिरी ऊर्ध्व शोभित, भुवन वंदिनी,कृष्ण कुल हित जनित, सन्त सुख स्वासुधि ।।मधु पुहुप पोषितम, रक्षितम अम्ब त्वम,इप्सितम, मम हितम वर दे…

Continue Readingदेवी पर कविता | Devi Stuti Kavita | Beautiful Poem

माँ दुर्गा पर कविता :- जगदम्बे माता | Maa Durga Par Kavita

नवरात्रि के पावन अवसर पर जगत्जननी श्री माता जी के चरणों में सादर समर्पित मेरी ओर से ( Maa Durga Par Kavita ) माँ दुर्गा पर कविता के रूप में यह अत्यंत लघु भेंट :- माँ दुर्गा पर कविता जग जननी जगदम्बे माता , पथ आलोकित कर दे........ धरती से…

Continue Readingमाँ दुर्गा पर कविता :- जगदम्बे माता | Maa Durga Par Kavita

नवरात्रि पर कविता :- नवरात्रि की देखो बहार | Navratri Kavita

आप पढ़ रहे हैं ( Navratri Kavita In Hindi ) नवरात्रि पर कविता "नवरात्रि की देखो बहार" नवरात्रि पर कविता नवरात्रि की देखो बहार मैया जी बड़ी प्यारी लगे।। हो हो ओढ़ी चुनरिया लाल मैया जी बड़ी प्यारी लगे। माथे की बिंदिया चम चम चमके नाक नथनिया दम दम दमके।…

Continue Readingनवरात्रि पर कविता :- नवरात्रि की देखो बहार | Navratri Kavita