देवी पर कविता | Devi Stuti Kavita | Beautiful Poem
आप पढ़ रहे हैं देवी पर कविता :- देवी पर कविता शुभ्र शुचिता शुभम, श्वेत पदमासनम,सर्वगुणसम्पदम, त्वम विनय वारिधि ।।शारदे पूण्यतम, पथ पुनितम परम,मंगलम स्नेह, सुख वर्धिनी, स्वरनिधि ।।विंध्य गिरी ऊर्ध्व शोभित, भुवन वंदिनी,कृष्ण कुल हित जनित, सन्त सुख स्वासुधि ।।मधु पुहुप पोषितम, रक्षितम अम्ब त्वम,इप्सितम, मम हितम वर दे…