यह कविताएं हमें भेजी है रामबृक्ष कुमार जी ने अम्बेडकर नगर से।

दरिद्रता पर कविता | Daridrata Par Kavita

आप पढ़ रहे हैं दरिद्रता पर कविता :- दरिद्रता पर कविता सुबह सबेरेतड़तड़ाहट की आवाजकानों में पड़ते हीनीद टूटी,मैं जाग पड़ा, देखा किलोग सूप पीट पीट करदरिद्र" भगा रहे थेघर के कोने-कोने सेआंगन बाग बगीचे से, मैं समझ न पायादरिद्र कहां है?कौन है?भागा या नहीं! दरिद्र मनुष्य खुदअपने कर्म सेअपने सोंच…

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ठंड पर हास्य कविता – हाड़ कपावै थर थर ठण्डी |

आप पढ़ रहे हैं ठंड पर हास्य कविता :- ठंड पर हास्य कविता माह दिसम्बर चहुं दिगम्बरछाया कुहरा धरती अम्बर,न आगे न पीछे सूझैकाव करी कुछ मन न बूझै ठंडी कै बढ़ि गै प्रकोपबाप रे बप्पा होइ गै लोपभइल रात दिन एक समानकइसे बचै बाप रे जान ठंडी ठंडी बहय…

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प्रार्थना कविता – कण-कण में ही तुम्हीं बसे हो | Prarthana Kavita

आप पढ़ रहे हैं प्रार्थना कविता - कण-कण में ही तुम्हीं बसे हो :- प्रार्थना कविता पर्वत  घाटी  ऋतु  वसंत  मेंनभ थल जल में दिग्दिगंत मेंभक्ति  भाव  और अंतर्मन मेंसदा  निरंतर  आदि  अंत  में युगों युगों तक तुम्हीं अजेय हो,कण-कण में ही  तुम्हीं बसे हो।  सृष्टि  दृष्टि  हर  दिव्य  गुणों…

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मित्र पर कविता – मित्र वही जो खुल कर बोले | Mitra Par Kavita

आप पढ़ रहे हैं मित्र पर कविता :- मित्र पर कविता मित्र वही जो खुल कर बोलेहिय की बात भी मुंह पर खोलेनहीं छुपाए कोई बातदेता हर सुख दुख में साथप्यार का मधुरस दिल में घोले,मित्र वही जो खुल कर बोले।  हर दुःख को वह अपना,समझेबात बड़ी हो पर ना…

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कविता कैसी शिक्षा कैसा नाम | Kavita Kaisi Shiksha Kaisa Naam

आप पढ़ रहे हैं कविता कैसी शिक्षा कैसा नाम :- कविता कैसी शिक्षा कैसा नाम क्या है उत्तर क्या है दक्षिण कैसी शिक्षा कैसा नाम भोली भाली कितनी प्यारी जनता को रोटी से काम  भाड़ में जाए पढ़ना लिखना अच्छा जीवन अच्छा धाम जो होगा देखा जाएगा पैक बनेगा हर एक शाम किए बिना ही मेहनत…

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सरदार वल्लभ भाई पटेल पर कविता | Sardar Vallabhbhai Patel Poem In Hindi

आप पढ़ रहे हैं सरदार वल्लभ भाई पटेल पर कविता :- सरदार वल्लभ भाई पटेल पर कविता लौह सा टंकार लेकरसिंह सा ललकार लेकरनाद  भरते  गर्जना  काअग्नि  सा धधकार लेकर,  जी रहे जब लोग तिल तिलमर  रहे  थे  लोग फिर फिरआ   मसीहा  बन  खड़े  थे4हिंदुस्तानी शान लेकर।  थे  एक  सरदार …

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कविता कर्म या मुकद्दर | Kavita Karm Ya Mukaddar

आप पढ़ रहे हैं कविता कर्म या मुकद्दर :- कविता कर्म या मुकद्दर एक दिननिकला सड़क परशाम लगभग नौ बजे मैं गया कुछ दूर देखासब्जियां कुछ थे सजे,टिमटिमाते मोमबत्तीकी उजाला के तलेबेंचती वह सब्जियांतन मांस जिसके थे गले। था अचंभित सोंच में कुछजान भी मैं न सकाबैठ इतनी रात में वहबेंचती…

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माँ बाप पर कविता – मां बाप के ही रूप में

आप पढ़ रहे हैं माँ बाप पर कविता - माँ बाप पर कविता लोक जन कल्याण हेतुलिख रहे जो काव्य हैं,पीढ़ियों को सीख देकरदे रहे जो ताप है, रह गया वंचित अगर जोआज के इस बात सेउसके लिए…

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माँ को समर्पित कविता – मां आकर मुझे बताओ | Maa Ko Samarpit Kavita

आप पढ़ रहे हैं " माँ को समर्पित कविता " :- माँ को समर्पित कविता हे! मां आकर मुझे बताओयह मुझे समझ ना आए क्यों?सब क्यों उलझा उलझा लगतायह कोई ना समझाए क्यों? पूछो पूछो पुत्र सयानेहै खीझा खीझा उलझा क्यों?कौन प्रश्न हैं इतना भारीजो नहीं अभी तक सुलझा क्यों?…

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आदमी पर हिंदी कविता – जो सबको हॅंसाता रहे | Aadmi Par Hindi Kavita

आप पढ़ रहे हैं " आदमी पर हिंदी कविता " :- आदमी पर हिंदी कविता आदमी है जो  सबको हॅंसाता रहेखुद भी हॅंसता रहे मुस्कराता रहे।  दूर कर दे हर दुखड़े हॅंसी प्यार सेजीत ले सारी मुश्किल सदाचार से लाख बाधाएं आए उसे भूल कर आगे बढ़ते कदम को बढ़ाता रहे, आदमी…

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हिंदी कविता जिंदगी की किताब | Hindi Kavita Zindagi Ki Kitab

आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता जिंदगी की किताब :- हिंदी कविता जिंदगी की किताब एक दिन पढ़ने लगाजिंदगी की किताब, पलटने लगा पल पल के पन्नों कोऔर समझने लगा बीती दास्तां। खोता गया अतीत के शाब्दिक भाव में,मन में उभरने लगा अक्षरता एक चित्र। लोग इकट्ठा थे बोल रहे…

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धूप पर कविता – जाड़ें की धूप | Dhoop Poem In Hindi

धूप पर कविता धूप पर कविता बादलों की झुरमुटसे झांकता सूरजमानों खेलता नन्हाओज से भराबालक झांक रहा हो, चमकता तेजसुनहरा बदनरक्त लालिमायुक्त धीरे धीरेमानव दुनिया मेंकदम रखएक टक ताक रहा हो, मानव में कुलबुलाहटशुरू हो गईआहट पाते हीसूरज का,किसी अपनेजीवन का आधारसा इसे हर कोई आक रहा हो, हर्षित तन मनखिलते मुस्कराते…

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