जिंदगी पर कविताएं , जीवन पर कविता

Zindagi Kavita In Hindi , Jeevan Kavita Hindi

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कविता कर्म या मुकद्दर | Kavita Karm Ya Mukaddar

आप पढ़ रहे हैं कविता कर्म या मुकद्दर :- कविता कर्म या मुकद्दर एक दिननिकला सड़क परशाम लगभग नौ बजे मैं गया कुछ दूर देखासब्जियां कुछ थे सजे,टिमटिमाते मोमबत्तीकी उजाला के तलेबेंचती वह सब्जियांतन मांस जिसके थे गले। था अचंभित सोंच में कुछजान भी मैं न सकाबैठ इतनी रात में वहबेंचती…

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जात पात पर कविता – जात पात से दूर | Jaat Paat Par Kavita

आप पढ़ रहे हैं जात पात पर कविता :- जात पात पर कविता कुछ आराजक तत्वों के कारण ही मिली विषमता है।और हमें भी याद नहीं की हम में कितनी क्षमता है ।। कुतर्कियों के आंगन का संसार सजाया है हमने,अपने ही आदर्शों को बेकार बताया है हमनें,जाने अनजाने कुछ…

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कविता सुकून की तलाश | मन पर कविता

आप पढ़ रहे हैं कविता सुकून की तलाश और मन पर कविता :- कविता सुकून की तलाश कभी भीड़, कभी एकांत, कभी आवाराबनकर घूमती हूँ में l यकीन मानों अब ख्वाबों में भी तो सुकून नहींअब हर रोज रात में सितारों से झगड़ती हूँ में l फुर्सत के पल तलाशती…

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आदमी पर हिंदी कविता – जो सबको हॅंसाता रहे | Aadmi Par Hindi Kavita

आप पढ़ रहे हैं " आदमी पर हिंदी कविता " :- आदमी पर हिंदी कविता आदमी है जो  सबको हॅंसाता रहेखुद भी हॅंसता रहे मुस्कराता रहे।  दूर कर दे हर दुखड़े हॅंसी प्यार सेजीत ले सारी मुश्किल सदाचार से लाख बाधाएं आए उसे भूल कर आगे बढ़ते कदम को बढ़ाता रहे, आदमी…

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हिंदी कविता जिंदगी की किताब | Hindi Kavita Zindagi Ki Kitab

आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता जिंदगी की किताब :- हिंदी कविता जिंदगी की किताब एक दिन पढ़ने लगाजिंदगी की किताब, पलटने लगा पल पल के पन्नों कोऔर समझने लगा बीती दास्तां। खोता गया अतीत के शाब्दिक भाव में,मन में उभरने लगा अक्षरता एक चित्र। लोग इकट्ठा थे बोल रहे…

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कर्मों पर कविता | Hindi Poem On Karma

आप पढ़ रहे हैं " कर्मों पर कविता " :- कर्मों पर कविता कर्मों से भैया - बंधु मिलेंकर्मों से मिलती है नारी कर्मों से पूत - कपूत मिलेंकर्मों से बाप और महतारी कर्मों से स्वर्ग - नरक मिलतेकर्मों की हैं बातें सारी कर्मों से सुख - दुख मिलते हैंकर्मों से है दुनिया सारी योग - वियोग होहिं कर्मों सेकर्मों से प्रेम और फौजदारी गुलाम बनें हम कर्मों सेकर्मों की है जी सरदारी सम्मान भी मिलता कर्मों सेकर्मों से होती है ख्वारी "जग्गा" सब फल है कर्मों काकर्मों की है महिमा न्यारी पढ़िए :- कर्म पर हिंदी कविता | कर्मयुद्ध के भीषण रण में रचनाकार का परिचय यह कविता हमें भेजी है जगवीर सिंह चौधरी…

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भूख पर कविता – भूख की कामना है | Bhookh Par Kavita

भूख पर कविता भूख पर कविता भूख की कामना है मिले रोटियांरहे सम्मान ना या बिके बेटियांभूख की आग जलती है बुझती कहां?इसके आगे ना दिखती है जन्नत जहां।  आग में जलते देखा है बच्चे जवांभूख से जो तड़प करके देते हैं जां रोटियां हो कई दिन पुरानी तो क्याभूख में…

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हिंदी कविता बिखरे सपने | Hindi Kavita Bikhre Sapne

हिंदी कविता बिखरे सपने - हिंदी कविता बिखरे सपने मीठे एहसासों के झोंको संगतेरी यादों में खो जाता हूँ।तेरे आँचल रूपी आँगन मेंखिलने को इतराता हूँ।। सोचा था सारा जीवन मेंतेरा सहारा बन जाऊंगाआकाश के नीचे धरती परचरणों को तेरे सजाऊंगाकाश ना जाती तु छोड़ हमेंबस यही सोच तड़पाता हूँअब…

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मौत पर कविता – अमर कोई ना होगा यहाँ पे | Maut Par Kavita

मौत पर कविता मौत पर कविता अमर कोई ना होगा यहाँ पेछिन जायेगी नैनों की ज्योति,जल कर राख है होना सबकोक्यों साँसों की माला पिरोती।। क्या काया और क्या मायाक्या धन दौलत साथ जायेगा,छल कपट का तिलक लगा केक्या गंगा में तू नहायेगा,माना आज हो सुंदर कल कोइक दिन बुढ़े…

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मकसद पर कविता | Maksad Par Kavita

मकसद पर कविता मकसद पर कविता ज्ञान मंजिल तक पहुंचाता है पर मंजिल का पता हो ध्यान मकसद तक ले जाता है अगर ध्यान मकसद पर डटा हो  चूर चूर हो जाते हैं सारे सपने जब मार्ग ही लापता हो इच्छाएं सपने उद्देश्य पूरे होते हैं जब खुद में समर्पण की दक्षता हो  कहते हैं कर्म…

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Dard Bhari Kavita | दर्द भरी कविता | Sad Poem Hindi

Dard Bhari Kavita आप पढ़ रहे हैं दर्द भरी कविता " दुःखी था मन " :- Dard Bhari Kavitaदर्द भरी कविता दुःखी था मन मेरा पर मैंराह में चलता चला गया,अपनों से जुड़ने की बजायटुकडों में बंटता चला गया। ना बुरा कहा ना भला कहाठुकरा दिया सब कुछ,उड़ने की तमन्ना…

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आंगन पर कविता | बांटों ना आंगन बन्धु | Angan Par Kavita

आप पढ़ रहे हैं रामबृक्ष कुमार जी द्वारा रचित आंगन पर कविता " बांटों ना आंगन बन्धु " :- आंगन पर कविता बांटों ना आंगन बन्धु! आज तोड़ो ना रिस्तें मधुर आज।  तुलसी सी मां-ममता महकेघर का कोना कोना गमकेजीवन की ज्योति सदा चमकेंबजता है जिसमें प्रेम साज।  बांटों ना आंगन…

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