यह कविताएं हमें भेजी है रामबृक्ष कुमार जी ने अम्बेडकर नगर से।

भूख पर कविता – भूख की कामना है | Bhookh Par Kavita

भूख पर कविता भूख पर कविता भूख की कामना है मिले रोटियांरहे सम्मान ना या बिके बेटियांभूख की आग जलती है बुझती कहां?इसके आगे ना दिखती है जन्नत जहां।  आग में जलते देखा है बच्चे जवांभूख से जो तड़प करके देते हैं जां रोटियां हो कई दिन पुरानी तो क्याभूख में…

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दया पर कविता – हम पक्षी पर दया करो | Hindi Poem On Kindness

दया पर कविता दया पर कविता सूख गयी है ताल तलैयाठप  बैठे  हैं नदी की नैयाचिंगारी  सी  है  दोपहरियाएक बर्तन पानी धरा करो!हम पक्षी पर दया करो।   हम पक्षी अब तड़प रहे हैंनदियां  नाले चटक रहे हैंपानी  का आसार कहीं नहम बेजुबान का भला करो!हम पक्षी पर दया करो।   भटक-भटक…

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क्षमादान पर कविता | Kshmadan Par Kavita

क्षमादान पर कविता क्षमादान पर कविता क्षमा दान यदि कर पाओ तोकरके बन जाओ भगवानक्षमा हृदय की शांत अवस्थाईश्वरीय हो जाता इंसान, जो देता है दान किसी कोलौट वही फिर पाता हैक्षमा दान है श्रेष्ठ दान मेंयह सच्चा धर्म बताता है, मानवता का है एक लक्षणक्षमा दान कहलाता है देने वाला…

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माँ दुर्गा पर हिंदी कविता | Maa Durga Par Hindi Kavita

माँ दुर्गा पर हिंदी कविता माँ दुर्गा पर हिंदी कविता जिस मिट्टी की मूरति को, गढ़ गढ़ हमी बनाते हैंशाम सुबह भूखे प्यासे,उसको शीश झुकाते हैं सजा धजा कर खुद सुंदर, मां का रूप बताते हैंबिन देखे ही बिन जाने,नौ नौ रूप दिखाते है यह कैसा है भक्ति भाव,आओ हम बतलाते हैंधरती…

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कान पर कविता – मैं कान हूं | Kaan Par Kavita

कान पर कविता कान पर कविता मैं कान हूंअपने जिम्मेदारियों सेपरेशान हूं।  गालियां हों या तालियांअच्छा हो या बुरा सबको सुनकर,सहकरहैरान हूं। खैर छोड़िए मैं कान हूं।  चश्में का बोझ ढोकरडंडियों से जकड़ा हुआ आंखों के मामलों में,मैं बना पहलवान हूं। खैर छोड़िए मैं कान हूं।  गलतियां हाथ की होया मुंह आंख कीमरोड़ा मैं जाता हूंइसलिए किमैं बेजुबान हूं। खैर छोड़िए मैं कान हूं। फैशन के झाला…

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गांधी जयंती पर कविता | Gandhi Jayanti Par Kavita

गांधी जयंती पर कविता गांधी जयंती पर कविता हे! मानव तू सीख सीख लेबापू जैसे इंसानों सेमानवता से निर्मित तन मनसत्य अहिंसा इमानों से, संत पुजारी देशभक्त तूजनहित में हो लोकप्रिय राष्ट्र पिता बापू जन जन काकरुणामय जन के प्राणप्रिय देख वेदना कष्ट मुसीबतभारत के नर नारी केत्याग दिया तब सूट…

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हिंदी कविता मां की ममता | Hindi Kavita Maa Ki Mamta

हिंदी कविता मां की ममता हिंदी कविता मां की ममता सुबह एक दिन अपने घर मेंछत के एक अलग कोने मेंएक घोंसला सजा सलोनातिनकों के ताने बाने में मां की ममता का न्योछावर देखा मानो रसखानों में,मां लाती चुग चुग कर दानाबिखरे फैले मैदानों में चीं चीं करते चोंच खोलतेखाने को…

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ज्ञान पर कविता – ज्ञान अनमोल खजाना है | Gyan Par Kavita

ज्ञान पर कविता ज्ञान पर कविता ज्ञान अनमोल खजाना है बांट सका है कौन इसे ?न भाई बंधु जमाना है,अनमोल रतन है हर रत्नों में पर इसको नहीं छुपाना है। ज्ञान की ज्योति जले घर-घर मेंज्योति से ज्योति जलाना है,घर-घर महके ज्ञान की खुशबू ज्ञान का अलख जगाना है। ज्ञान बिना मानव जीवन…

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सुख दुख कविता – एक दिन सुख दुःख | Sukh Dukh Kavita

सुख दुख कविता सुख दुख कविता भेंट हुआ एक दिन सुख दुःख कादुःख ने खबर लिया तब सुख का,दुःख बोली ओ! प्यारी बहनाकितना मुश्किल तुमसे मिलना रहती कहां?नहीं हो दिखतीहर कोई चाहे तुमसे मिलना,सुख ने दुःख को,गले लगा करभर मन में मुस्कान,मनोहर, दीदी!तुम तो, बड़ी सयानीअपनी बीती,कहो कहानी,दुःख ने सुख…

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हिंदी पर कविता – शब्दों की हिंदी भाषा | Hindi Par Kavita

हिंदी पर कविता हिंदी पर कविता स्वर ध्वनि शब्दों की हिंदी भाषाअमृत धारा सी बह रही हैरगो में शीतल सरिता सी चलकरसांसों के सागर में बह रही है।   अनमोल कितना मधुरमयी है दुनिया भी तुमको पहचानती हैतेरी प्रसंशा का राग की धुनसुबह सवेरे खूब बज रही है।  अरमान अभिमान सम्मान वैभवगौरव…

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लालसा पर कविता – लालसा न चाह की है | Lalsa Par Kavita

लालसा पर कविता लालसा पर कविता लालसा न चाह की है,जीवन में कुछ पाने को लालसा न बड़ा बनू,न बहुत कुछ कर जाने को छीन कर खुशियां किसी की,रोटियां दो वक्त की  मैं चलूं तारों को लाने,छोड़ इन्हें मर जाने को धिक्कार है जीवन को ऐसे,धिक्कारता हूं लोग को जो…

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कृष्ण बाल लीला कविता | Krishna Bal Leela Kavita

कृष्ण बाल लीला कविता कृष्ण बाल लीला कविता अब आन बसौ मोहन मन में,तेरी सूरत मन को भावत है। बचपन में तू जीवन की सबै,खूब लीला करत दिखावत है। ठुमकत चलत बजै पैजनिया,तन मन में प्रीति जगावत है। किलकारी मार हसत आगन,जग भर में सबै हसावत है। बचपन का तेरा रूप सलोना,चंचल…

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