किसी की याद में लिखी गयी कविता उनकी याद आई है :-

उनकी याद आई है

उनकी याद आई है

आज फिर से उनकी याद आई है,
दिल रो रहा है आंख भर आई है।

चुपके चुपके सिसकियां लेता हूं,
ये सजा है मेरी क्यो लगन लगाई है।
आज फिर से उनकी याद आई है।।

घर के सामने से तुम निकलती हो,
क्यो मेरी नजरो से नजर चुराई है।
आज फिर से उनकी याद आई है।।

करार तुमको जब हमसे था,
किसी गैर से फिर ये कैसी सगाई है।
आज फिर से उनकी याद आई है।।

कल तलक जिसको मै पकड़ता था,
आज किसी और कि वो कलाई है।
आज फिर से उनकी याद आई है।।

बेवफा जो तुमने हमको कहा,
चिठ्ठी वो किसी और से लिखाई है।
आज फिर से उनकी याद आई है।।

जिसको देख के सुकून मिलता था,
तस्वीर तेरी वो आज ही जलाई है।
आज फिर से उनकी याद आई है।।

हाथ मैंने नहीं छोड़ा तुम्हारा,
अधूरी बाते किसी ने तुमको बताई है।
आज फिर से उनकी याद आई है।।

सुनकर मेरे गीतों को जो मुस्काती थी,
कहानी आज उसी की तुमको सुनाई है।
आज फिर से उनकी याद आई है।।

पढ़िए :- किसी की याद में कविता | हम तो बस यादों के दम पर


रचनाकार का परिचय :-

प्रशांत त्रिपाठी

नाम – प्रशांत त्रिपाठी
पिता – श्री शिवशंकर त्रिपाठी
पता – गोपालपुर नर्वल कानपुर नगर
रूचि – कविता लिखना और गणित विषय अध्यापन कार्य।

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धन्यवाद।

This Post Has 6 Comments

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    Prabhat Triparhi

    Very nice poem please working on it best wishes to you from all

  2. Avatar
    Prabhat Triparhi

    Very nice poem please working on it same as it is bests wishes to you from all

  3. Avatar
    Shubhi Tiwari

    Very nice poem…. well done bro….keepit up

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    Manish Mishra

    You are doing good. Surely you will become success one day.

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    Sandeep kumar

    Bahut sundar

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