मेरा नाम सूरज कुरैचया है और मैं उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के सिंहपुरा गांव का रहने वाला एक छोटा सा कवि हूँ। बचपन से ही मुझे कविताएं लिखने का शौक है तथा मैं अपनी सकारात्मक सोच के माध्यम से अपने देश और समाज और हिंदी के लिए कुछ करना चाहता हूँ। जिससे समाज में मेरी कविताओं के माध्यम से मेरे शब्दों के माध्यम से बदलाव आए।

पराजय को न करना स्वीकार | Parajay Ko Na Karna Sweekar

आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता पराजय को न करना स्वीकार :- पराजय को न करना स्वीकार भले मार्ग में बाधाएं हो अनेक पराजय को न करना स्वीकार। सही दिशा का करना चयन पूर्व की त्रुटियों में करके सुधार।। आग की लपटें जो रोके तुझे स्वागत करना उसका हंसकर। बस…

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समय का महत्व कविता – है पास तुम्हारे शेष समय

आप पढ़ रहे हैं ( Samay Ka Mahatva Kavita ) समय का महत्व कविता :- समय का महत्व कविता उड़ती तितली कह कर गईहै पास तुम्हारे शेष समय।जीवन को खुश होकर जीरिक्त कर तू हृदय से भय।। व्यतीत पल ना फिर आएंगेभविष्य में फिर होगा अफसोस।पुनःसपने तेरे ना तुझे पुकारेंगेसदैव…

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हिंदी कविता बदलना अपना दृष्टिकोण | Badalna Apna Drishtikon

आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता बदलना अपना दृष्टिकोण :- हिंदी कविता बदलना अपना दृष्टिकोण चलो स्वयं से निर्णय करें हम विपत्ति का खोजेगे समाधान। एकाग्र अगर हम हो सके तो पत्थर में प्रकट होंगे भगवान।। पथ में होंगे अनेकों अनुभव कभी चंचल मन मानेगा हार। प्रयास करना व्यर्थ ही…

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मोटिवेशनल कविता :- कब तक नींद में | Motivational Kavita

सपने देखना अच्छी बात है लेकिन उन्हें पूरा जाग कर ही किया जा सकता है। जब सपने रातों को जगाने लगते हैं तो उन्हें पूरा करना हमारा फर्ज बन जाता है। आइये इसी विषय पर पढ़ते हैं ( Motivational Kavita In Hindi ) मोटिवेशनल कविता " कब तक नींद में…

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पर्यावरण पर कविता इन हिंदी :- मूक पेड़ बोल नहीं सकते हैं

पर्यावरण पर कविता इन हिंदी मूक पेड़ बोल नहीं सकते हैं परन्तु दर्द उनका महसूस करो। तुम एक नन्हा सा वृक्ष लगाकर जीवन में खुशी की किरण भरो।। दुखद जीवन से पतझड़ को तुम वृक्ष लगाकर बनाओ सावन। चीख चीख कर पुकार रही तुम्हे वृक्षों से भरो धरती का आंगन।।…

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कविता पर्यावरण पर :- कहीं खो गया | Kavita Paryavaran Par

कविता पर्यावरण पर वसुधा का वह सुनहरा दृश्य न जाने कहां लुप्त हो गया। प्रकृति का मोहक सा नजारा वृक्ष काटने से कहीं खो गया।। सूखे हुए पेड़ों के निराश तने आंसू बहा रहे हैं पतझड़ के। सलिल नहीं मिलने के कारण सूख रहे जीवन वृक्ष जड़ के।। वृक्ष काटने…

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ऋतुओं पर कविता | Rituon Par Hindi Kavita

आप पढ़ रहे हैं ऋतुओं पर कविता :- ऋतुओं पर कविता जीवन का हर एक क्षण नहीं होता है एक समान। कभी होता है हरा भरा कभी होता है रेगिस्तान।। प्रकृति भी अपने मौसम समय के बाद बदलती हैं। जब सर्दी आती जीवन में मानव की एक न चलती है।।…

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पढ़ाई पर बाल कविता | Padhai Par Bal Kavita

आप पढ़ रहे हैं पढ़ाई पर बाल कविता :- पढ़ाई पर बाल कविता देखो मां घर के बाहर आया है कोई खिलौने वाला। पास है उसके तीर धनुष और रंगीन मोतियों की माला।। डमरू डम डम बजने वाली बंदूक लिए खड़ा है सिपाही। मुझको कागज कलम भायी यही सफल जीवन…

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कोरोना पर हिंदी में कविता | Kavita Corona Par

आप पढ़ रहे हैं कोरोना पर हिंदी में कविता :- कोरोना पर हिंदी में कविता कोरोना ने मानव जीवन और प्रकृति में मचाया है हाहाकार। समय की मांग के कारण सबने घर में रहना किया है स्वीकार।। हंसता खेलता हुआ जीवन कुछ दिन में ही लुप्त हुआ। अदृश्य शत्रु बनकर…

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ईमानदारी पर कविता | Poem On Honesty In Hindi | Imandari Par Kavita

Poem On Honesty In Hindi आप पढ़ रहे हैं ईमानदारी पर कविता :- Poem On Honesty In Hindiईमानदारी पर कविता जीवन की विपरीत घड़ी मेंनहीं छोड़ना तुम ईमानदारी।वसुधा को स्वर्ग बनाने कीहै हम सभी की जिम्मेदारी।। जीवन में जिस मानव नेईमानदारी का वस्त्र पहना।ईश्वर ने उसे प्रसन्न होकरदिया सफलता का…

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पिता को समर्पित कविता । Pita Ko Samarpit Kavita

आप पढ़ रहे है पिता को समर्पित कविता :- पिता को समर्पित कविता कंधों पर अपने मुझे बिठाकर अंजान जगत से मुझे मिलाया। मेरी मूक बातों को समझकर उर में मेरे प्रेम का पुष्प खिलाया।। अपनी इच्छाओं को भूलकर मुझे सुख सुविधाएं किए प्रदान। मेरी नन्ही सी जिद के कारण…

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Prakriti Par Kavita प्रकृति पर कविता Beautiful Poem On Nature

Prakriti Par Kavita आप पढ़ रहे प्रकृति पर कविता :- Prakriti Par Kavitaप्रकृति पर कविता रंग बिरंगे धरा पे फूल खिले हैंप्रतीत हुआ आ गया है सावन।हरियाली के वस्त्र पहन प्रकृतिकल तक जो थी रेगिस्तान।। तितलियां सभी प्रफुल्ल होकरमनमुग्ध हो उड़ी नील गगन में।विपरीत परिस्थितियों में भी वहखोज लेती खुशियां…

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