Deepak Par Kavita | दीपक पर कविता – दीपक हूँ, मैं शुभ दिवाली

Deepak Par Kavita - आप पढ़ रहे हैं दीपक पर कविता - दीपक हूँ, मैं शुभ दिवाली Deepak Par Kavitaदीपक पर कविता अदम्य गगन में, बैठा सूरजआलौकिक, संदेश देतासमर्पण की, नदियाँ भरनि:स्वार्थ आलोक, बिखराता है। दीपक हूँ, मैं शुभ दिवालीमुझसे सजती, आरती थालीजल-जल कर भी, जगमग करताहंसना सूरज से, सीखा है। दीपशिखा, आकर मुझ…

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Shikshak Par Hindi Kavita | Beautiful Poem On Teachers

Shikshak Par Hindi Kavita आप पढ़ रहे हैं शिक्षक पर हिंदी कविता :- Shikshak Par Hindi Kavitaशिक्षक पर हिंदी कविता शिक्षा देने वालेशिक्षक कहलाते ।अज्ञानता को दूर करज्ञान वो बरसाते । नित नए प्रेरक आयाम कोबिखरा कर,प्रेरित करतेविविधता में एकता कीवो संस्कृति सिखलाते । अद्भुत होते उनके सांचेजिसमें ढ़लते हैं बच्चेपूरी मेहनत, निष्ठा से…

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शिव शक्ति कविता – हे शिव,स्वयंभू | God Shiv Shakti Kavita

Shiv Shakti Kavita - आप पढ़ रहे हैं शिव शक्ति कविता - हे शिव,स्वयंभू :- शिव शक्ति कविता हे प्रणव.. हे शिव,स्वयंभूआप अनादि,आप हीं सृष्टिहे शंकर, परम ब्रह्मप्राचीन,अर्वाचीनअर्धनारीश्वर रूप हैं हे शंकर, हे महादेवआप निर्विकार,निराकारजग आपने साकार रचाशीश गंग,चन्द्र भार लिएसृष्टि पालनकर्ता हैं…. हे प्रणव प्रणाम आपको…मानव निर्मित चित्रित चित्रों कोंदेख - देख कर…

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Maa Vasundhara Kavita | Beautiful Poem On Mother Earth

Maa Vasundhara Kavita आप पढ़ रहे हैं माँ वसुंधरा कविता :- Maa Vasundhara Kavitaमाँ वसुंधरा कविता आकाश प्रांगण के रंग मंच परअनवरत नृत्य करती पृथ्वीअद्भुत तन्मयता स्पष्ट दिखतीलक्ष्यनिष्ठा है इनमें गहरीपरिधि के चरण चिह्न पर रहती ।। प्रकाश और तिमिर की यात्रावसुन्धरा की धुरी घूर्णन से होतीसूरज, चांद की आलौकिक…

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ज़िन्दगी की चाहत कविता | Zindagi Ki Chahat Kavita

आप पढ़ रहे हैं ज़िन्दगी की चाहत कविता ( Zindagi Ki Chahat Kavita ) :- ज़िन्दगी की चाहत कविता मिलन विरह की उलझन से दुख तम से मिल जाती राहत मृदुल, मधुर मुस्कानें भर दूं है मेरी छोटी सी चाहत । सूरज निकलता, तपती दोपहरी ढ़ल ढ़लती संध्या होती हर…

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Bhagwan Par Kavita | भगवान पर कविता | Beautiful Poem On God

Bhagwan Par Kavita आप पढ़ रहे हैं भगवान पर कविता :- Bhagwan Par Kavitaभगवान पर कविता मंदिरों के द्वार पररस्में सारी निभाईघंटी, शंख की गूँज थींपर आवाज़,तुम्हारी ही नहीं आई। प्रार्थनाएँ की बहुतना जाने कितनी बारअजस्र स्वर फैला थाअनहद नाद सा प्यार। सुख दुख,दोनों ने हीं तुम्हेंयाद किया कई कई…

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पिता पर कविता – श्रद्धेय पिता जी | Pita Par Kavita

आप पढ़ रहे हैं ( Pita Par Kavita ) पिता पर कविता :- पिता पर कविता पूज्य पिता जी की,कोमल छांव को किन शब्दों में उल्लेख करूँ । निर्णय लिया आज जीवन की पुस्तक के उन,पन्नों को पढ़ लूं । प्रतीत ऐसा हो रहा, मैं अतीत आज, वर्तमान बना लूं…

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Paryavaran Par Kavita | पर्यावरण पर कविता | Save Environment

आप पढ़ रहे हैं ( Paryavaran Par Kavita ) पर्यावरण पर कविता :- पर्यावरण पर कविताParyavaran Par Kavita शस्य-शस्य द्रुम दल हैंवसुन्धरा का आवरणप्रकृति से सौगात मिलीकिया धरा ने सहर्ष वरण ।। सघन वनों से सजी अवनि थीआलौकिक, मोहक था संसारखिलते,मुस्काते थे सुमन अनंतअलि, कलियाँ संग करते,मृदुल झंकार। तृप्ति,स्मित,रश्मियों के…

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फूल और कांटे कविता | Phool Aur Kante Kavita

आप पढ़ रहे हैं ( Phool Aur Kante Kavita ) फूल और कांटे कविता:- फूल और कांटे कविता जन्म लिया एक पौधे में, एक थी शाखा, पौधे ने फूल, कांटों को, था एक सा पाला। बरसीं थीं एक सीं, घटाएँ भी उन पर, हवाएँ भी एक जैसी, बहतीं रहीं मुस्कुराकर।…

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