आप पढ़ रहे हैं ( Pita Par Kavita ) पिता पर कविता :-

पिता पर कविता

पिता पर कविता

पूज्य पिता जी की,कोमल छांव को
किन शब्दों में उल्लेख करूँ ।

निर्णय लिया आज जीवन की
पुस्तक के उन,पन्नों को पढ़ लूं ।

प्रतीत ऐसा हो रहा, मैं
अतीत आज, वर्तमान बना लूं ।

वो संकल्पित मार्गदर्शक थे,
भूमिका उनकी,किन शब्दों में बयां करूँ ।

दृढ़ता उनकी,पर्वत जैसी थी
स्नेह शीतलता को,पुनः भर लूं ।

पिता जी मेरे कल्पतरु थे,उनके
समर्पित दायित्व,को याद करूँ ।

उनकी गरिमा के,दिव्य स्वरूप को
जीवन विभूतियों के,गुणगान करूँ ।

वो सफलता निर्माण के,आधारशिला थे
किन शब्दों में, मैं धन्यवाद करूँ ।

सतत उन्हें, नमन करती हूँ
अविरल आशीष से,ओतप्रोत रहूँ ।।

पढ़िए :-  पापा पर बाल कविता – पापा पापा क्या लाये ?


रचनाकार का परिचय

इली मिश्रा

यह कविता हमें भेजी है इली मिश्रा जी ने।

“ पिता पर कविता ” ( Pita Par Kavita ) के बारे में कृपया अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे लेखक का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढ़ने का मौका मिले।

यदि आप भी रखते हैं लिखने का हुनर और चाहते हैं कि आपकी रचनाएँ हमारे ब्लॉग के जरिये लोगों तक पहुंचे तो लिख भेजिए अपनी रचनाएँ hindipyala@gmail.com पर या फिर हमारे व्हाट्सएप्प नंबर 9115672434 पर।

हम करेंगे आपकी प्रतिभाओं का सम्मान और देंगे आपको एक नया मंच।

धन्यवाद।

This Post Has One Comment

  1. Avatar
    Minu Jha

    Bohot hi badhia

Leave a Reply