राम मंदिर पर हिंदी कविता – जय श्री राम के नारे | Ram Mandir Par Hindi Kavita

राम मंदिर पर हिंदी कविता राम मंदिर पर हिंदी कविता जय श्री राम के नारे को,भारत में सबको सुनाएंगे,देशभक्ति , हिंदुत्व जगाने, हम घर घर को जायेंगे,देशभक्ति , हिंदुत्व जगाने, सत्य सनातन धर्म ध्वजा का, मान बढ़ाना ध्येय है,विश्व गुरु भारत फिर होगा, कुछ इसमें ना संदेह है,देकर तन मन…

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कविता माँ तो है परछाई | Kavita Maa To Hai Parchhai

कविता माँ तो है परछाई कविता माँ तो है परछाई माँ तो है परछाई हमारीइसकी दया का मोल नहीं!मागें बिना हो मुरादें पूरीइसकी कृपा का तोल नहीं!! तन मन निज अर्पण करकेचरणों में शीश झुकाना सब,कहो शरण में तेरी आयें हैसंकट हरोगी मेरे कब,जुबां में रस भक्ति का भरदेतेरे सिवा…

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पुस्तक समीक्षा तुकतुक की रेल | Book Review Tuktuk Ki Rail

“ तुकतुक की रेल ” नाम के अनुसार ही इस किताब में हास्य-व्यंग्य के ऐसे डिब्बे फिट हैं जो 7 अलग-अलग स्टेशनों कि सैर करवाते हैं। हम बात कर हैं आदरणीय “ हरजीत सिंह तुकतुक ” जी द्वारा रचित “ तुकतुक की रेल ” किताब के बारे में। तो आइए जानते हैं किताब के बारे में…

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जब नाराज होगी प्रकृति | पुस्तक समीक्षा

जब नाराज होगी प्रकृति - पुस्तक समीक्षा काव्य संग्रह ( जब नाराज होगी प्रकृति ) - निमिषा सिंघल जैसे समुद्र छुपा लेता है सारे शोर... नदियों, जीव जंतुओं के.. कविताएं भी मेरे लिए समुद्र से कम न थी! मैं भी कविता होना चाहती हूं... कविता को लेकर ये आसक्ति.. ये…

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