नाम – रूद्र नाथ चौबे (“रूद्र”)
पिता- स्वर्गीय राम नयन चौबे
जन्म परिचय – 04-02-1964

शिक्षा – हाईस्कूल सन्-1981 , विषय – विज्ञान वर्ग , विद्यालय- राष्ट्रीय इंटर कालेज तहबरपुर , जनपद- आजमगढ़ ।
इंटर मीडिएट सन्- 1983 , विषय- विज्ञान वर्ग , विद्यालय – राष्ट्रीय इंटर कालेज तहबर पुर , जनपद- आजमगढ़।
स्नातक– सन् 1986 , विषय – अंग्रेजी , संस्कृत , सैन्य विज्ञान , विद्यालय – श्री शिवा डिग्री कालेज तेरहीं कप्तानगंज , आजमगढ़ , (पूर्वांचल विश्व विद्यालय जौनपुर ) उत्तर प्रदेश।

बी.एड — सन् — 1991 , पूर्वांचल विश्व विद्यालय जौनपुर , उत्तर प्रदेश (भारत)
साहित्य रत्न ( परास्नातक संस्कृत ) , हिन्दी साहित्य सम्मेलन इलाहाबाद , उत्तर प्रदेश

पेशा- अध्यापन , पद – सहायक अध्यापक
रुचि – आध्यात्मिक एवं सामाजिक गतिविधियाँ , हिन्दी साहित्य , हिन्दी काव्य रचना , हिन्दी निबन्ध लेखन , गायन कला इत्यादि ।
अबतक रचित खण्ड काव्य– ” प्रेम कलश ” और ” जय बजरंगबली “।

अबतक रचित रचनाएँ – ” भारत देश के रीति रिवाज , ” बचपन की यादें ” , “पिता ” , ” निशा सुन्दरी ” , ” मन में मधुमास आ गया (गीत) ” , ” भ्रमर और पुष्प ” , ” काल चक्र ” , ” व्यथा भारत की ” इत्यादि ।

विरह वेदना पर कविता | Virah Vedna Par Kavita

विरह वेदना पर कविता - आदरणीय मित्रों ! हमारे अन्तर्मन में जब भी कोई पीड़ा पलने लगती है , तो उसी प्रसव वेदना से कविता का प्रादुर्भाव होने लगता है । प्रस्तुत रचना में कुछ इन्हीं भाव स्थलों का चित्रण किया गया है । विरह वेदना पर कविता जब जब…

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विरह गीत :- कोयलिया गीत सुनाती है | Virah Geet

आप पढ़ रहे हैं विरह गीत "कोयलिया गीत सुनाती है" :- विरह गीत कोयलिया गीत सुनाती है, कोयलिया गीत सुनाती है। गीत के गुन्जन से रग रग में विष सा छाती है। कोयलिया गीत...... प्रथम बार का मिलन आज , यादों में फिर है आया । स्वर्णिम पल जो बीत…

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हिंदी कविता स्वागत बसंत का | Kavita Swagat Basant Ka

ऋतुराज बसंत के स्वागत में हिंदी कविता स्वागत बसंत का :- हिंदी कविता स्वागत बसंत का सवैया पद है होने लगी बिहँसित धरती, कुहासा भी व्योम से जाने लगा है । व्यतीत हुई अब शीत की रीति, धरा पर आतप आने लगा है । हैं होने लगीं कलियां विकसित, देखि…

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हिंदी कविता खून के पक्ष | Hindi Kavita Khoon Ke Pakhsa

हिंदी कविता खून के पक्ष - मानव के जीवन में खून (रक्त ) का अपना विशेष महत्व होता है । मानव और मानवता के सम्बन्ध में खून ( रक्त ) के कुछ महत्वपूर्ण पक्षों का चित्रण करती हुइ घनाक्षरी छन्द में रचना प्रस्तुत है । हिंदी कविता खून के पक्ष…

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हिंदी कविता राम राज्याभिषेक | Kavita Ram Rajyabhishek

हिंदी कविता राम राज्याभिषेक - चौदह वर्षों के वनवास के पश्चात मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम चन्द्र जी का अयोध्या आगमन होता है। प्रस्तुत रचना में अवध वासियों उमड़ रही खुशी की लहरों का चित्रण किया गया है। हिंदी कविता राम राज्याभिषेक सब गाओ रे मंगल गीत, आज राम राजा बनें…

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हिंदी कविता गणतंत्र दिवस | Hindi Kavita Gantantra Diwas

हिंदी कविता गणतंत्र दिवस - गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर भारत माता के चरणों में छन्द के माध्यम से चन्द पंक्तियों की पुष्पांजलि समर्पित है । हिंदी कविता गणतंत्र दिवस आजाद सुभाष औ विस्मिल असफाक, सरदार भगतसिंह ने दी कुर्बानी । बढ़ते ही गये लड़ते ही गये सब, मौत…

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सुभाष चंद्र बोस पर कविता | Subhash Chandra Bose Par Kavita

Subhash Chandra Bose Poem In Hindi | सुभाष चंद्र बोस पर कविता - नेता जी सुभाषचन्द्र बोस की जयन्ती के ( पराक्रम दिवस ) पुनीत अवसर पर मेरी ओर से घनाक्षरी छन्द में चन्द पंक्तियाँ समर्पित  हैं " सुभाष चंद्र बोस पर कविता " के रूप में। Subhash Chandra Bose…

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विवाह पर कविता :- परिणय स्वीकार करो | Vivah Par Kavita

आप पढ़ रहे हैं ( Vivah Par Kavita ) विवाह पर कविता :- विवाह पर कविता स्वर्णिम सुखद सुअवसर पर, यह परिणय स्वीकार करो... सम्प्रति साक्षी हैं गिरिजा गणेश, वर माला स्वीकार करो .... गठबन्धन है पावन अपना, हमराही अब बनना है । लेकर सत् संकल्पों को, सृजन नया अब…

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हिंदी कविता सरस्वती वंदना | Kavita Saraswati Vandana

आप पढ़ रहे हैं ( Hindi Kavita Saraswati Vandana ) हिंदी कविता सरस्वती वंदना :- हिंदी कविता सरस्वती वंदना वीणा धारिणीं , वाणी सवारिणीं, वाणी आज सँवार दे... हर साज में तूँ, हर वाद्य में तूँ, धुन मधुर गुन्जार दे.... तेरी छाया में पल करके, कवि पंडित विद्वान बने। ज्ञान…

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माँ दुर्गा पर कविता :- जगदम्बे माता | Maa Durga Par Kavita

नवरात्रि के पावन अवसर पर जगत्जननी श्री माता जी के चरणों में सादर समर्पित मेरी ओर से ( Maa Durga Par Kavita ) माँ दुर्गा पर कविता के रूप में यह अत्यंत लघु भेंट :- माँ दुर्गा पर कविता जग जननी जगदम्बे माता , पथ आलोकित कर दे........ धरती से…

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भारत के रीति रिवाज कविता ( बारह मासा ) भाग – 2

" भारत के रीति रिवाज कविता भाग--1" में मास-- चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़ और श्रावण के महीनों में चलने वाले त्यवहारों और गतिविधियों का वर्णन है । अब शेष महीनों का चित्रण प्रस्तुत भाग में किया जा रहा है। भारत के रीति रिवाज कविता मास-- भादौं काली घटा घनघोर घटा,…

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भारत देश के रीति रिवाज ( बारहमासा ) | Bharat Ke Riti Riwaj

हमारे देश भारत वर्ष में पूरे वर्ष बारहों महीने अलग अलग तरीकों से पृथक् पृथक् त्योहार मनाने और गतिविधियां करने की परम्परा है , जो कि सम्पूर्ण विश्व में अद्भुत हैं । प्रस्तुत रचना " भारत देश के रीति रिवाज ( बारहमासा ) " में प्रत्येक महीने की परम्पराओं का…

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