” भारत के रीति रिवाज कविता भाग–1″ में मास– चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़ और श्रावण के महीनों में चलने वाले त्यवहारों और गतिविधियों का वर्णन है ।
अब शेष महीनों का चित्रण प्रस्तुत भाग में किया जा रहा है।

भारत के रीति रिवाज कविता

भारत के रीति रिवाज कविता

मास– भादौं

काली घटा घनघोर घटा, अरु दादुर आपन शोर सुनावैं ।
मद मस्त मगन नाचैं मोरवा, सधवा सब आपन तीज मनावैं ।
चमकैं जुगुनू चम चम अँधियारन मा,भादौं रात भयावन आवै।
कान्हा जनमलैं रात के बारह बजे,सब लोग उछाह में हरि गुन गावैं ।।

मास– आश्विन (कुआर)

बारिश कै अब वेग घटल , जस लागत बारिश बुढ़ाइ रहल।
कुआर महीना के अउतै देखा,पितरन देवतन अब द्वार खुलल।
दान करैं पिन्ड दान करैं जन, कुकुरन कौउअन के अब भाग जगल।
राम विजय दशकन्ध पराजय,राम के लीला अ मेला लगाइ रहल ।।

मास– कार्तिक

काली घटा कै घमण्ड घटल, नभमंडल में उजियार दिखाला।
बा खेती किसानी के काम बढ़ल,हँसुआ सब खेतन मांहि चलाला।
धान कटैं अरु गेहूं बोवैं सब,कातिक काम के मास कहाला।
दिवाली में दीया जरैं दुअराँ, मस कीड़ा मकोड़ा सबै जरि जाला ।।

मास– अगहन

गँवना के महीना गहन अगहन,सबके हिय में खुशी छाइ रहल बा।
बाजा अ डोली खोजाये लगल,गँवना के दिन देखा निअराइ रहल बा।
बदलल युग में मोटरकार भयिल,सब लोगन डोली हटाइ रहल बा।
मंगल गीत क शोर सुनाला चहूँ दिश,सासु बहू के उतारि रहल बा ।।

मास — पौष (पूष)

पूष के माह कहूँ न दिखै कछु,चारिउ ओर अँधेर दिखाला।
कुहरा घनघोर धरा पे भरा, अरु लरिकन के दँतवा कट कटाला ।
पूष के जाड़ से काँप रही धरती, जस लागत बा देहियां गलि जाला।
सब लोग ठरैं अरु त्राहि करैं,अस पाला पड़ै पनियां जमि जाला ।।

मास– माघ

पावन पुन्य प्रताप क बेला लिए, अब माघ महीना निअराये लगल।
प्रयाग में कुम्भ क मेला लगल,सब देश विदेश से आवे लगल ।
पाँचहुँ स्नान करैं अरु दान , सब जाइके कुम्भ नहाये लगल ।
पाप कटै अरु पुन्य बढ़ै , सब आपन मोक्ष बनावे लगल ।।

मास — फाल्गुन ( फागुन )

फागुन मास बहार बयार कै, शीतल सुगन्ध समीर बहै ।
ढोल बजै फगुआ चौतालन मा,काम बसल मन मांहि रहै ।
मन मोहक फूल लहरालैं चहूँ दिश,ऋतुराज वसंत दिखाइ रहै।
बेधयि अंगन मांहि अनंग सभी के,चर जीव अचर अलसाइ रहैं ।।

पढ़िए :- भारत देश के रीति रिवाज ( बारहमासा ) भाग – 1


रचनाकार का परिचय

रूद्र नाथ चौबे ("रूद्र")नाम – रूद्र नाथ चौबे (“रूद्र”)
पिता- स्वर्गीय राम नयन चौबे
जन्म परिचय – 04-02-1964

जन्म स्थान — ग्राम – ददरा , पोस्ट- टीकपुर, ब्लॉक- तहबरपुर, तहसील- निजामाबाद , जनपद-आजमगढ़ , उत्तर प्रदेश (भारत) ।

शिक्षा – हाईस्कूल सन्-1981 , विषय – विज्ञान वर्ग , विद्यालय- राष्ट्रीय इंटर कालेज तहबरपुर , जनपद- आजमगढ़ ।
इंटर मीडिएट सन्- 1983 , विषय- विज्ञान वर्ग , विद्यालय – राष्ट्रीय इंटर कालेज तहबर पुर , जनपद- आजमगढ़।
स्नातक– सन् 1986 , विषय – अंग्रेजी , संस्कृत , सैन्य विज्ञान , विद्यालय – श्री शिवा डिग्री कालेज तेरहीं कप्तानगंज , आजमगढ़ , (पूर्वांचल विश्व विद्यालय जौनपुर ) उत्तर प्रदेश।

बी.एड — सन् — 1991 , पूर्वांचल विश्व विद्यालय जौनपुर , उत्तर प्रदेश (भारत)
साहित्य रत्न ( परास्नातक संस्कृत ) , हिन्दी साहित्य सम्मेलन इलाहाबाद , उत्तर प्रदेश

पेशा- अध्यापन , पद – सहायक अध्यापक
रुचि – आध्यात्मिक एवं सामाजिक गतिविधियाँ , हिन्दी साहित्य , हिन्दी काव्य रचना , हिन्दी निबन्ध लेखन , गायन कला इत्यादि ।
अबतक रचित खण्ड काव्य– ” प्रेम कलश ” और ” जय बजरंगबली “।

अबतक रचित रचनाएँ – ” भारत देश के रीति रिवाज , ” बचपन की यादें ” , “पिता ” , ” निशा सुन्दरी ” , ” मन में मधुमास आ गया (गीत) ” , ” भ्रमर और पुष्प ” , ” काल चक्र ” , ” व्यथा भारत की ” इत्यादि ।

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