नाम – जितेंद्र कुमार यादव
धाम – अतरौरा केराकत जौनपुर उत्तरप्रदेश
स्थाई धाम – जोगेश्वरी पश्चिम मुंबई
शिक्षा – स्नातक

रेजांगला युद्ध 1962 कविता | Rezang La War Poem In Hindi

आप पढ़ रहे हैं रेजांगला युद्ध 1962 कविता :- रेजांगला युद्ध 1962 कविता मैं सूरज के तेजपुंज से तिमिर मिटाने आया हूं ।इतिहासों के छुपे हुए पन्ने दिखलाने आया हूं ।। धूल धूसरित स्वर्णिम पन्नों की मैं धूल हटाऊंगा,और वीरता के स्वर मे भारत का गौरव गाऊंगा,वसुन्धरा के पुण्य अंक…

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परिवार पर हिंदी कविता – परिवार बचा लो हे भगवन

आप पढ़ रहे हैं परिवार पर हिंदी कविता परिवार पर हिंदी कविता अरुणोदय की आभा का विस्तार बचा लो हे भगवन।भारत मां के आंगन के परिवार बचा लो हे भगवन।। परिवार वही जो अपनेपन के भावों से हो भरा हुआ,रिश्तों का संसार जहां हो प्रेम सिंधु से घिरा हुआ,प्रेम सिंधु…

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कविता अखंडता की अस्मिता | Kavita Akhandta Ki Asmita

कविता अखंडता की अस्मिता कविता अखंडता की अस्मिता अखंडता की अस्मिता को शत्रु छेड़ते हो जब,तो एकता के जागरण का गान कविता है सुनो,राष्ट्र की समुन्नति जब अवनति के द्वार हो तो, चेतना में प्राण का उत्थान कविता है सुनो,सिन्धु पार जाने को बजरंगी भूले शक्ति को,तो जामवंत जो जगाएं शक्ति…

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हिन्दी कविता राष्ट्र धर्म के प्रबल प्रताप | Kavita Rashtra Dharm

आप पढ़ रहे हैं हिन्दी कविता राष्ट्र धर्म :- हिन्दी कविता राष्ट्र धर्म राष्ट्र धर्म के प्रबल प्रताप के हो ताप आप, भारती के मान के गुमान को बढाइये । पुण्य कर्म पाल, हे वसुंधरा के लाल ज्वाल, वीरता से युक्त स्वाभिमान को बचाइये ।। संघर्ष के उत्कर्ष से आदर्श…

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हिंदी कविता प्रीत रीत के लिए | Hindi Kavita Preet Ke Liye

आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता प्रीत रीत के लिए :- हिंदी कविता प्रीत रीत के लिए तूं है चन्द्र किरन सी प्यारी चंचल चित्त करत किलकारी देवी है या देव अवतारी प्रीत रीत के लिए तूं है रोम रोम खूबसूरत मन भावन है तेरी मूरत मुझको तेरी बहुत जरूरत…

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कविता चाहता हूं प्यार | Kavita Chahta Hun Pyar

कविता चाहता हूं प्यार - कभी कभी प्यार और उदारता को पूजने वाले लोग लूट लिए जाते हैं, इसलिए आवश्यक है कि प्यार को कमजोर समझने वालों के समक्ष कठोरता भी धारण किया जाए ।। कविता चाहता हूं प्यार चाहता हूं प्यार का दीदार का परिवेश हो चाहता हूं अमन…

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हिंदी कविता सुन्दरता की देवी | Hindi Kavita Sundarta Ki Devi

आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता सुन्दरता की देवी :- हिंदी कविता सुन्दरता की देवी सुन्दरता की देवी हो तुम, तन सुन्दर है, मन सुन्दर है। बुरा ना मानो हे सुकुमारी, तो कह दूं यौवन सुन्दर है।। मुखमंडल पे निखार ऐसा, चक्षु चौंधियांते हैं मेरे, नैनों में मदहोशी ऐसी, जैसे…

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देवी पर कविता | Devi Stuti Kavita | Beautiful Poem

आप पढ़ रहे हैं देवी पर कविता :- देवी पर कविता शुभ्र शुचिता शुभम, श्वेत पदमासनम,सर्वगुणसम्पदम, त्वम विनय वारिधि ।।शारदे पूण्यतम, पथ पुनितम परम,मंगलम स्नेह, सुख वर्धिनी, स्वरनिधि ।।विंध्य गिरी ऊर्ध्व शोभित, भुवन वंदिनी,कृष्ण कुल हित जनित, सन्त सुख स्वासुधि ।।मधु पुहुप पोषितम, रक्षितम अम्ब त्वम,इप्सितम, मम हितम वर दे…

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हरि सिंह नलवा पर कविता | Poem On Hari Singh Nalwa

हरि सिंह नलवा पर कविता - महाराजा रणजीत सिंह के शासन काल मे मुहम्मद शाह नाम के अफगानी लुटेरे ने भारत पर चढ़ाई की, और उसका प्रतिरोध करने के लिए महाराजा रणजीत सिंह के महान योद्धा हरीसिंह नलवा ने कुशल नेतृत्व के साथ लड़ाई लड़ी। उनकी इसी वीरता को समर्पित…

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आया होली का त्योहार कविता | Kavita Aya Holi Ka Tyohar

आप पढ़ रहे हैं कविता आया होली का त्योहार :- आया होली का त्योहार आया होली का त्योहार, लाया खुशियों का अंबार, प्रफुल्लित हो पूरा परिवार मजा आ जाएगा ।। तो कुछ हों रंग गुलाबी लाल, गाल पे रंग दूं तेरे गुलाल, ये मौका मिल जाए हर साल मज़ा आ…

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रोटी पर कविता :- खानी है रोटी | Roti Par Kavita

इन्सान मेहनत करता है कि उसे सुकून से दो वक़्त की रोटी मिल सके। रोटी के कारण ही सारी दुनिया कुछ न कुछ काम करती है। लेकिन क्या होता है जब इन्सान की भूख सिर्फ रोटी तक ही नहीं रह जाती। बल्कि वो और भी कई चीजों की चाहत रखता…

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बदलाव के लिए प्रेरित करती कविता :- आगे बढ़कर लड़ना होगा

बदलाव के लिए प्रेरित करती कविता " आगे बढ़कर लड़ना होगा " :- बदलाव के लिए प्रेरित करती कविता चुनौतियों को छिन्न भिन्न कर, उर्ध्व शिखर पर चढ़ना होगा आगे बढ़कर लड़ना होगा ।। शत्रु नित्य ललकार रहा हो, सिर पे जूते मार रहा हो, देश धर्म को आतंकित कर,…

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