नाम – जितेंद्र कुमार यादव
धाम – अतरौरा केराकत जौनपुर उत्तरप्रदेश
स्थाई धाम – जोगेश्वरी पश्चिम मुंबई
शिक्षा – स्नातक

भारत माता की जय कविता :- भारत माता की जय जय हो

आप पढ़ रहे हैं भारत माता की जय कविता " भारत माता की जय जय हो " भारत माता की जय कविता हे परमपिता हे परमेश्वर, हे जगद्गुरु हे जगदीश्वर , हे महाकाल हे कालेश्वर, हे विश्वबंधु हे विश्वेश्वर, हे सुखराशी हे अखिलेश्वर, हे कृपासिंधु हे कमलेश्वर, घट घट वासी हे अविनाशी, हे जगतनियंता सर्वेश्वर, जीवन…

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राष्ट्र प्रेम पर कविता :- राष्ट्र निर्मिति ध्येय हमारा

आप पढ़ रहे हैं राष्ट्र प्रेम पर कविता :- राष्ट्र प्रेम पर कविता पल भर मुझ में आलस ना हो - मन में हो यह भावना !! राष्ट्र निर्मिति ध्येय हमारा - जगती रहे सदभावना !! हम पुरुषार्थ के धनी बनें नित , कर्म से कौशल दिखलावें, प्रार्थना का भाव…

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कविता प्रेयसी का सौंदर्य वर्णन | स्त्री सौंदर्य पर कविता | Beauty Of Beloved

स्त्री सौंदर्य पर कविता आप पढ़ रहे हैं कविता प्रेयसी का सौंदर्य वर्णन :- कविता प्रेयसी का सौंदर्य वर्णन यूं चेहरे से मुसकाई हो,ज्यूं ईश्वर की परछाई हो। नैनन देखा मन बहक गया,किस्मत पर अपने ठिठक गया। तुम फूल खिली फूलवारी हो,या यौवन की बलिहारी हो। तुम लगे प्रेम की मूरत हो,खूबसूरत से खूबसूरत…

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प्यार पर कविता :- प्यार की राह में | Pyar Par Kavita

प्यार एक ऐसी भावना है जो दिल का सुकून भी है और दिल का सुकून उड़ाने वाला भी। प्यार में आनंद ही आनंद ही आनंद होता है। बस जरूरत है तो इतनी की हमसफ़र साथ हो। आइये पढ़ते हैं इन्हीं भावनाओं पर आधारित प्यार पर कविता " प्यार की राह…

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किसी की याद में कविता :- हम तो बस यादों के दम पर

अपने प्यार से बिछड़ कर जीना बहुत ही मुश्किल होता है। फिर हमसफ़र तो साथ नहीं होता लेकिन उसकी यादों का कारवां हमेशा साथ रहता है। फिर क्या होता है पढ़िए " किसी की याद में कविता " में :- किसी की याद में कविता हम तो बस यादों के…

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कर्म पर हिंदी कविता :- कर्मयुद्ध के भीषण रण में

जीवन में कर्म कर के आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा देती प्रेरणादायक कर्म पर हिंदी कविता " कर्मयुद्ध के भीषण रण में " :- कर्म पर हिंदी कविता https://youtu.be/fHKm7vXNh6s कर्मयुद्ध के भीषण रण में आगे तक बढ़ जाना है । आलस् और प्रमाद है दुश्मन इनको आज हराना है ।।…

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फौजी की कविता :- वीर सैनिक का संदेश | Veer Sainik Fauji Ki Kavita

भारत की रक्षा करने वाले सरहद पर तैनात सैनिकों को समर्पित " फौजी की कविता " :- फौजी की कविता नहीं मानता हूं मैं ऐसे, अनुबंधों प्रतिबंधों को, अरि दल मा का मस्तक छु ले, हम याद करें संबंधों को ।। हम भूलेंगे बैर भाव, वो बैर भाव अपनाएंगे, हमें…

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