आप पढ़ रहे हैं भारत माता की जय कविता ” भारत माता की जय जय हो “

भारत माता की जय कविता

भारत माता की जय कविता

हे परमपिता हे परमेश्वर, हे जगद्गुरु हे जगदीश्वर ,
हे महाकाल हे कालेश्वर, हे विश्वबंधु हे विश्वेश्वर,

हे सुखराशी हे अखिलेश्वरहे कृपासिंधु हे कमलेश्वर,
घट घट वासी हे अविनाशी, हे जगतनियंता सर्वेश्वर,

जीवन की ज्योत जलाते हो, तुम भय से मुक्त कराते हो,
तुम वशीकरण उच्चाटन हो, तुम मनमोहक बन जाते हो,

तुम अधिष्ठान हो दुनिया के, दुनिया के खेल रचाते हो ,
तुम निराकार साकार तुम्हीं, तुम सबके चक्र चलाते हो,

अनुरोध करूं मन ले श्रृद्धा – यह राष्ट्र मेरा मंगलमय हो !!
जब तक धरती पे जीवन हो – भारत माता की जय जय हो !!

तुम आदि अनादि अनंत तुम्हीं, तुम गर्मी शीत बसंत तुम्हीं,
तुम संहारक अरिहंत तुम्हीं, नित सतसंगों में संत तुम्हीं,

तुम हो विशाल अंबार लिए, कड़ कड़ में एक संसार लिए,
चेतन अवचेतन में तुम हो, ब्रह्माण्ड सूत्र संसार लिए,

तुम अगम अपार अति रूपक हो, तुम तेज पुंज के द्योतक हो,
संयोग वियोग सुगम दुर्गम , हर कारण के आयोजक हो,

हम सबका यह आवाहन है, आवाहन यह स्वीकार करो,
जिस वसुधा में वात्सल्य भरा, हम में उसका सत्कार भरो

जीवन प्रतिपल आनंदित हो, संस्कारों में नव किसलय हो !!
जब तक धरती पे जीवन हो, भारत माता की जय जय हो !!

संस्कार भरो मनुहारों में, सब बाल गोपाल होनहारों में,
सब प्रज्ञापुरूष महान बने, फैले प्रकाश अधियारों में,

पालें मर्यादा जीवन की, कर्तव्यों का निर्वाह करें,
सम्मान बढ़े संस्कृतियों का, नैतिकता नित् उत्साह भरे,

जय जय हो भारत माता की, सच्चे सपूत बन पाएं हम,
कुल खानदान परिवार जगे, तेरी सेवा कर जाएं हम,

हर व्यक्ति यहां उपकारी हो ,सेवा का मन में भाव रहे,
हर परिवारों में प्रेम बसे, समरसता का समभाव रहे,

बलिदान पूज्य बन जाय यहां, सुख त्याग से धर्म का संचय हो !!
जब तक धरती पे जीवन हो, भारत माता की जय जय हो !!

हम रहें ना रहें देश रहे, मन में प्रतिपल यह चिंतन हो,
यह स्वच्छ भूमि सुरभित होवे, हर आंगन प्रेम का उपवन हो,

वह शक्ति हमे देना दाता, दुर्गम पथ में हम डरें नहीं,
कितनी भी विकट परिस्थिति हो, जो देश के हित हों – करें वहीँ

हर बालक राष्ट्र पुरोधा हो, हर बाला विदुषी ज्ञानी हो,
हो राष्ट्रप्रेम का सम्मोहन, हर घर घर में बलिदानी हो,

मर मर के नहीं अब जी जी के, हमे देश की सेवा करने दो,
जिस जननी ने जग दिखलाया, उसकी रक्षा हित लड़ने दो,

हम राष्ट्र भक्ति में डिगे नहीं, यह सुखमय हो या दुखमय हो !!
जब तक धरती पे जीवन हो, भारत माता की जय जय हो !!


रचनाकार का परिचय

जितेंद्र कुमार यादव

नाम – जितेंद्र कुमार यादव

धाम – अतरौरा केराकत जौनपुर उत्तरप्रदेश

स्थाई धाम – जोगेश्वरी पश्चिम मुंबई

शिक्षा – स्नातक

भारत माता की जय कविता ” ( Bharat Mata Ki Jai Kavita ) के बारे में कृपया अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे लेखक का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढ़ने का मौका मिले।

यदि आप भी रखते हैं लिखने का हुनर और चाहते हैं कि आपकी रचनाएँ हमारे ब्लॉग के जरिये लोगों तक पहुंचे तो लिख भेजिए अपनी रचनाएँ hindipyala@gmail.com पर या फिर हमारे व्हाट्सएप्प नंबर 9115672434 पर।

हम करेंगे आपकी प्रतिभाओं का सम्मान और देंगे आपको एक नया मंच।

धन्यवाद।

Leave a Reply