प्यार एक ऐसी भावना है जो दिल का सुकून भी है और दिल का सुकून उड़ाने वाला भी। प्यार में आनंद ही आनंद ही आनंद होता है। बस जरूरत है तो इतनी की हमसफ़र साथ हो। आइये पढ़ते हैं इन्हीं भावनाओं पर आधारित प्यार पर कविता ” प्यार की राह में ” :-

प्यार पर कविता

प्यार पर कविता

हम तुम्हे तुम हमें याद आते रहें
जिन्दगी भर खुशी गीत गातें रहे,
चांद सूरज सितारे धरा आसमां
प्यार की राह में प्यार पाते रहें।

जिन्दगी जो मिली उसको जी लीजिए
प्यार में सारे सपनों को सी लीजिए,
ना रहे कोई शिकवा गिला साथियों
हुस्न से इश्क़ को ना जुदा कीजिए।

पल दो पल में ये मौसम मचल जाएगा
जानें कब तक ये यौवन सम्हल पाएगा,
झूमकर प्यार के गीत गाते चलो
जाने कब प्यारा आलम बदल जाएगा।

आज फिर से वही बात कह जाऊंगा
कब तलक ऐसे बेचैन रह पाऊंगा,
अब तो चाहत को राहत का अधिकार दो
ना तो बारिश के झोंके में बह जाऊंगा।

क्या कहा जाए कि मन का मनुहार हो
या भला किस तरह प्यार दीदार हो,
बात कुछ भी नहीं बात बन जाएगी
बस ज़रा उनका दिल जो समझदार हो।

आप भी आइए एक नजर डालिए
इश्क़ का अपने अंदर हुनर पालिए,
आइना हूं मैं मुझमें निहारो जरा
खूबसूरत दिखोगी हमारे लिए।

यह जो जीवन मिला फिर मिलेगा नहीं
मान जाओ तो गुलशन खिलेगा यहीं,
हम तो माधुर्यता कि महक चाहते
ज्योत दे दे तो जीवन जलेगा यहीं।


रचनाकार का परिचय

जितेंद्र कुमार यादव

नाम – जितेंद्र कुमार यादव

धाम – अतरौरा केराकत जौनपुर उत्तरप्रदेश

स्थाई धाम – जोगेश्वरी पश्चिम मुंबई

शिक्षा – स्नातक

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