Veer Ras Kavita अपने देश के प्रति असीम प्यार और जोश से भर देने वाली ( Veer Ras Kavita ) देश भक्ति वीर रस की कविता ” भारत को भगवान लिखूंगा “

Veer Ras Kavita
वीर रस की कविता

Veer Ras Kavita

कृतज्ञता का ज्ञापन दे भारत का प्रथम सोपान लिखूंगा ।
और भक्त बन भारत के हित भारत को भगवान लिखूंगा ।।

भरत वंश की भरत भूमि का गौरव गान महान लिखूंगा ।
जिस मिट्टी में तेज तपोबल उसका मैं गुणगान लिखूंगा ।।

मानस वेद पुराण ग्रंथ उपनिषदों का व्याख्यान लिखूंगा ।
और पूर्वजों के बलिदानी तेवर का अभिमान लिखूंगा ।।

श्रृष्टि और समष्टि रक्षक वीरों को बलवान लिखूंगा ।
निज जीवन की आहुति देने वालों का सम्मान लिखूंगा ।।

सकल विश्व का मंगलकारी मैं मानव विज्ञान लिखूंगा ।
परहित के हित मिट जाना ही मानवता का ज्ञान लिखूंगा ।।

इतिहासों में दबे पड़े वीरों का गौरव गान लिखूंगा ।
नित्य प्रभाकर की किरणों से उनको देदीप्यमान लिखूंगा ।।

उन्हें स्मरण कर करके मैं जन जन में अभियान लिखूंगा ।
नवल चेतना भर भारत में भविष्य का निर्माण लिखूंगा ।।

संवाहक हूं संस्कारों में जीवन को धर ध्यान लिखूंगा ।
और आचरण कि शुचिता से जीवन का कल्याण लिखूंगा ।।

तात मात भगिनी भ्राता में मानस का आधान लिखूंगा ।
कर्मयोग निष्काम भाव का भगवदगीता ज्ञान लिखूंगा ।।

मुनि दधीचि नृप मान्धाता के सेवा का उपमान लिखूंगा ।
रंतिदेव शिवि भोजराज औ हरिश्चन्द्र का दान लिखूंगा ।।

राम भरत श्री कृष्ण पार्थ को अदम्य शक्तिमान लिखूंगा ।
कर्ण भीष्म औे गुरु द्रोण के युद्धों का संज्ञान लिखूंगा ।।

माता महि की मृदा उर्वरा में सबका श्रमदान लिखूंगा ।
गो-लोक से गंगा लाए भागीरथ गुणवान लिखूंगा ।।

राधा रानी औ मीरा के प्रेम भक्ति को प्राण लिखूंगा ।
गार्गी गंडकी विदुषि बालाओं का भी योगदान लिखूंगा ।।

जौहर पर न्योछावर रानी पदमावती का प्राण लिखूंगा ।
और राष्ट्र रक्षा हित हांडा रानी का शीश दान लिखूंगा ।।

चेन्नम्मा झांसी की रानी दुर्गावती को छान लिखूंगा ।
निवेदिता के सेवा भाव का समाज में स्थान लिखूंगा ।।

राणा शिवा शेखर सुभाष औ भगत को विश्व प्रधान लिखूंगा ।
क्रांति कुंड के यज्ञ ज्वाल में इनको अग्नि समान लिखूंगा ।।

सत्य सनातन रहे सहेजते संतो का सतज्ञान लिखूंगा ।
स्वामी विवेका दयानंद से भारत का उत्थान लिखूंगा ।।

भूमण्डल पर शांति अहिंसा भारत की पहचान लिखूंगा ।
समृद्धि सुख शांती भारत माता का परिधान लिखूंगा ।।

हमें सहेजा जिन पुरखों ने उनका कीर्तिमान लिखूंगा ।
और उन्हीं के पदचिन्हों पर चलने का प्रावधान लिखूंगा ।

लिखते लिखते लिख डालूंगा पुरुखों का है हिन्दुस्थान ।
जिन्हे नमन करते जाएंगे राष्ट्र प्रेम में रत विद्वान ।।

पढ़िए :- देश के वीरों पर कविता “उसी पथ पे हम भी”


रचनाकार  का परिचय

जितेंद्र कुमार यादव

नाम – जितेंद्र कुमार यादव
धाम – अतरौरा केराकत जौनपुर उत्तरप्रदेश
स्थाई धाम – जोगेश्वरी पश्चिम मुंबई
शिक्षा – स्नातक

“ देश भक्ति वीर रस की कविता ” ( Hindi Veer Ras Kavita ) आपको कैसी लगी ? Veer Ras Kavita के बारे में कृपया अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे लेखक का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढ़ने का मौका मिले।

यदि आप भी रखते हैं लिखने का हुनर और चाहते हैं कि आपकी रचनाएँ हमारे ब्लॉग के जरिये लोगों तक पहुंचे तो लिख भेजिए अपनी रचनाएँ hindipyala@gmail.com पर या फिर हमारे व्हाट्सएप्प नंबर 9115672434 पर।

हम करेंगे आपकी प्रतिभाओं का सम्मान और देंगे आपको एक नया मंच।

धन्यवाद।

Leave a Reply