मेरा भारत देश महान कविता – भारत माता की जय , मेरा भारत देश महान : ये नारे तो आपने अकसर ही सुने होंगे। लेकिन क्या वास्तव में भारत देश महान बन पाया है। किसी भी देश की पहचान उसके नागरिक होते हैं। नागरिक जो भी करते हैं उसी से देश की पहचान बनती है। इसलिए आज जरूरत है हम सबको अपने आचरण में बदलाव करने । कैसे बदलाव आइये जानते हैं ( Mera Bharat Desh Mahan Poem In Hindi ) ” मेरा भारत देश महान कविता ” में :-

Mera Bharat Desh Mahan Poem
मेरा भारत देश महान कविता

मेरा भारत देश महान कविता

कब तक नारों में गाएंगे मेरा भारत देश महान ।।
कब आचरणों में लाएंगे मेरा भारत देश महान ।।

मातृभूमि को गर्व हो सके, क्या कुछ हमने किया कभी,
निष्ठा में पुलकित हो प्रतिष्ठा, ऐसा कुछ प्रण लिया कभी ,
सम्मोहन के शास्त्र में उलझे – शेखी का हम करें बखान ।।
कब तक नारों में गाएंगे मेरा भारत देश महान ।।

जब कुछ देने की बारी हो, तो हम पीछे हट जाते हैं ,
निर्झर पत्तों के बसंत का, कष्ट कभी ना सह पाते हैं,
धर्म कर्म से भ्रमित हुए हम – और हमीं सबसे विद्वान ।।
कब तक नारों में गाएंगे मेरा भारत देश महान ।।

संस्कृतियों का गौरव गान, तो मेरे मन भी भाता है,
और उन्हें संजो कर रखने, को भी मन अकुलाता है,
अकुलाहट का परित्याग कर – जीवन रखिए कर्म प्रधान ।।
कब तक नारों में गाएंगे मेरा भारत देश महान ।।

जो कुछ अब तक पाएं हैं हम, उनका कुछ सम्मान करें,
और उन्हीं के पदचिन्हों पर – आगे को प्रस्थान करें,
दीपक बनकर ज्योत बिखेरो – जले ज्योत वो जाज्जवलमान ।।
कब तक नारों में गाएंगे मेरा भारत देश महान ।।

क्या हम थोड़ा काम क्रोध कुछ, मोह त्याग कर सकते हैं,
सच्चाई के पथ पर चलने, का भी व्रत धर सकते हैं
जिस दिन यह स्वीकार लिया मन – उस दिन समझूंगा उत्थान ।।
कब तक नारों में गाएंगे मेरा भारत देश महान ।।

आज़ादी के पर्व मनाए, आज़ादी में नाचें गाए,
पर क्या आज़ादी के संवर्धन, में कुछ सहयोग बढ़ाए,
बीज प्रस्फुटित करो जो मन से, तो मन रचे कर्म अभियान ।।
कब तक नारों में गाएंगे मेरा भारत देश महान ।।

मानव तन मन जीवन पाकर, कुछ तो हम पुरुषार्थ करें,
सक्षमता के शिखर पे चढ़कर, परहित औ परमार्थ करें,
सतपथ के जब पथिक बनोगे – तभी मिटेगा तम अज्ञान
कब तक नारों में गाएंगे मेरा भारत देश महान

प्यार भरा अनुमोदन है, उदवोधन है संबोधन है,
और प्रमाणिक व्यावहारिक यह, मेरा नम्र निवेदन है,
हर घर हर परिवार हो जाग्रत – तो ही होगा जगकल्याण।।
कब तक नारों में गाएंगे मेरा भारत देश महान।।

पर्यावरण की रक्षा हो हम, वो आचार विचार करें,
दुखियों और गरिबों की, सेवा का नित व्यवहार करें,
कर्तव्यों के बिना मिले ना – अधिकारों को परम विधान ।।
कब तक नारों में गाएंगे मेरा भारत देश महान ।।

कदम मिलाकर बढ़ते जाएं , ताकि आज समाज सजे,
और निरंतर प्रगति के पथ पर, रिश्तों का सुर साथ बजे,
मन मलिन ना होने पाए – रखिए इस मन को सावधान ।।
कब तक नारों में गाएंगे मेरा भारत देश महान ।।

पढ़िए :- भारत माता की जय कविता “भारत माता की जय जय हो”


रचनाकार  का परिचय

जितेंद्र कुमार यादव

नाम – जितेंद्र कुमार यादव
धाम – अतरौरा केराकत जौनपुर उत्तरप्रदेश
स्थाई धाम – जोगेश्वरी पश्चिम मुंबई
शिक्षा – स्नातक

“ मेरा भारत देश महान कविता ” ( Mera Bharat Desh Mahan Kavita ) कैसी लगी ? ” मेरा भारत देश महान कविता ” के बारे में कृपया अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे लेखक का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढ़ने का मौका मिले। के बारे में कृपया अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे लेखक का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढ़ने का मौका मिले।

यदि आप भी रखते हैं लिखने का हुनर और चाहते हैं कि आपकी रचनाएँ हमारे ब्लॉग के जरिये लोगों तक पहुंचे तो लिख भेजिए अपनी रचनाएँ hindipyala@gmail.com पर या फिर हमारे व्हाट्सएप्प नंबर 9115672434 पर।

हम करेंगे आपकी प्रतिभाओं का सम्मान और देंगे आपको एक नया मंच।

धन्यवाद।

This Post Has 2 Comments

  1. Avatar
    Shaikh Mahemood

    Nice! What have you written is fact,Sir!

  2. Avatar
    S.L. Yadav

    भाई आपकी कविता दिल को छू गई। मैं भी प्रेरणास्पद लिखता हूँ लेकिन गद्य में। मैं हमजापुर(मल्हनी) जौनपुर यू.पी.से हूं। (अभी सऊदी में) व्यक्तिगत बातचीत के लिए मेरा जीमेल है।

Leave a Reply