सुभाष चंद्र बोस पर कविता | Subhash Chandra Bose Par Kavita

Subhash Chandra Bose Poem In Hindi | सुभाष चंद्र बोस पर कविता नेता जी सुभाषचन्द्र बोस की जयन्ती के ( पराक्रम दिवस ) पुनीत अवसर पर मेरी ओर से घनाक्षरी छन्द में चन्द पंक्तियाँ समर्पित  हैं ” सुभाष चंद्र बोस पर कविता ” के रूप में।

Subhash Chandra Bose Poem
नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर कविता

नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर कविता

तन में तरुणाई रही मन मे अंगड़ाई रही,
चल रही देश में अंग्रेजी सरकार थी।

फौज का गठन किया आजाद हिन्द नाम दिया,
आगे बढ़ो आगे बढ़ो हो रही हुंकार थी।
तुम खून दो मुझे मैं दे रहा आजादी तुम्हें,
यही रणवीरों की प्रबल ललकार थी।
कंकड़ीले पथरीले राहों पर भी बढ़ते चले,
चहुँदिशि गूँजती जयहिन्द जयकार थी ।।1।।

देश है मना रहा जयन्ती जिसकी धूम से
, नाम उस नेता का सुभाषचन्द्र बोस है।
चल रही चर्चा पुरुषार्थ वाली चहुँओर,
चहुँदिशि हो रहा उन्हीं का जयघोष है।

वीरता के उनके न मूल्य है मिला उचित,
आज इस बात का महान अफसोस है।
नाम मिला आज के दिवस को पराक्रम दिवस,
अब इसी बात का महान संतोष है ।। 2।।

तुम चले गये इस धरती से,
इतिहास तुम्हारा जीवित है ।
पतझड़ की भीषण आँधी में,
मधुमास तुम्हारा जीवित है ।।

पढ़िए :- कविता शेर-ए-हिन्द सुभाष चन्द्र बोस


रचनाकार का परिचय

रूद्र नाथ चौबे ("रूद्र")

नाम – रूद्र नाथ चौबे (“रूद्र”)
पिता- स्वर्गीय राम नयन चौबे
जन्म परिचय – 04-02-1964

जन्म स्थान— ग्राम – ददरा , पोस्ट- टीकपुर, ब्लॉक- तहबरपुर, तहसील- निजामाबाद , जनपद-आजमगढ़ , उत्तर प्रदेश (भारत) ।

शिक्षा – हाईस्कूल सन्-1981 , विषय – विज्ञान वर्ग , विद्यालय- राष्ट्रीय इंटर कालेज तहबरपुर , जनपद- आजमगढ़ ।
इंटर मीडिएट सन्- 1983 , विषय- विज्ञान वर्ग , विद्यालय – राष्ट्रीय इंटर कालेज तहबर पुर , जनपद- आजमगढ़।
स्नातक– सन् 1986 , विषय – अंग्रेजी , संस्कृत , सैन्य विज्ञान , विद्यालय – श्री शिवा डिग्री कालेज तेरहीं कप्तानगंज , आजमगढ़ , (पूर्वांचल विश्व विद्यालय जौनपुर ) उत्तर प्रदेश।

बी.एड — सन् — 1991 , पूर्वांचल विश्व विद्यालय जौनपुर , उत्तर प्रदेश (भारत)
साहित्य रत्न ( परास्नातक संस्कृत ) , हिन्दी साहित्य सम्मेलन इलाहाबाद , उत्तर प्रदेश

पेशा- अध्यापन , पद – सहायक अध्यापक
रुचि – आध्यात्मिक एवं सामाजिक गतिविधियाँ , हिन्दी साहित्य , हिन्दी काव्य रचना , हिन्दी निबन्ध लेखन , गायन कला इत्यादि ।
अबतक रचित खण्ड काव्य– ” प्रेम कलश ” और ” जय बजरंगबली “।

अबतक रचित रचनाएँ – ” भारत देश के रीति रिवाज , ” बचपन की यादें ” , “पिता ” , ” निशा सुन्दरी ” , ” मन में मधुमास आ गया (गीत) ” , ” भ्रमर और पुष्प ” , ” काल चक्र ” , ” व्यथा भारत की ” इत्यादि ।

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