भाषा और शब्द का महत्त्व बताते शब्द और भाषा पर दोहे :-

शब्द और भाषा पर दोहे

शब्द और भाषा पर दोहे

1
शब्द योग उत्तम रहे, कभी न काटें लीक।
लय बाधित यदि है नहीं, तब रचना है ठीक।।

2
भाषा के सौंदर्य से, मत लो पंगा यार।।
उमर,उम्र दोनों सही, सही चुनो आधार।।

3
कभी किसी भी बात पर,करना नहीं विवाद।
शब्द मूल दो रूप को, हम कहते अपवाद।।

4
मक्खन जैसा मन रहे, मक्खन जैसी बात।
भाषा के माधुर्य से, मन पाता सौगात।।

5
हिन्दी, उर्दू फ़ारसी, किसको मानें ख़ास।
सभी खँगालें देखिए, शब्दों का इतिहास।।

6
बह्र क़ाफ़िया सोचकर, फिर लें गुरु का नाम।
भाव-उदधि में डूबकर, ग़ज़ल लिखें निफ़राम।।

शब्दार्थ—
उदधि—सागर,समुद्र
निफ़राम, निफ्राम—निश्चिंत होकर

पढ़िए :- हिंदी भाषा के महत्व पर दोहे | Hindi Diwas Par Dohe


रचनाकार का परिचय

अंशु विनोद गुप्ता

अंशु विनोद गुप्ता जी एक गृहणी हैं। बचपन से इन्हें लिखने का शौक है।नृत्य, संगीत चित्रकला और लेखन सहित इन्हें अनेक कलाओं में अभिरुचि है। ये हिंदी में परास्नातक हैं। ये एक जानी-मानी वरिष्ठ कवियित्री और शायरा भी हैं। इनकी कई पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। जिनमें “गीत पल्लवी “,दूसरी पुस्तक “गीतपल्लवी द्वितीय भाग एक” प्रमुख हैं। जिनमें इनकी लगभग 50 रचनाएँ हैं।

इतना ही नहीं ये निःस्वार्थ भावना से साहित्य की सेवा में लगी हुयी हैं। जिसके तहत ये निःशुल्क साहित्य का ज्ञान सबको बाँट रही हैं। इन्हें भारतीय साहित्य ही नहीं अपितु जापानी साहित्य का भी भरपूर ज्ञान है। जापानी विधायें हाइकु, ताँका, चोका और सेदोका में ये पारंगत हैं।

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