इस दुनिया को छोड़ जाने के बाद एक उम्दा शायर राहत इंदौरी जी के नाम शब्दों की इक श्रद्धांजलि :-

राहत इंदौरी जी के नाम

राहत इंदौरी जी के नाम

चंद मोती शब्दों के पिरोह
इक माला बनाई है,
श्रद्धांजलि समझ उन्हें पहनाई है।

क्यूँ कहते हो वे चले गए,
अपनी शायरी नज्मों में तो
वे यही रह गए।

एहसासों का समंदर लिख गए जो
उर्दू साहित्य के बादशाह थे वो,
शब्द का मर्म समझ ले जो
ऐसे जादूगर थे वो।

चले गए गर्दिश में चमकने सदा,
लगता है जमीं पे टूटा
कोई सितारा थे वो।

गीत – ग़ज़ल जब – जब
उनकी गायी जाएगी,
भर – भर आंखों को
जाम पिलाई जाएगी।

नशा तो उनके शब्दों में है
मत कहना ये जामों का असर है,
बन ना पाएगा कोई उनके जैसा
दिलों में बस गए वे सबकी
यादें बन सदा….

– वंदना अग्रवाल निराली

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रचनाकार का परिचय

वंदना अग्रवाल निरालीनाम – वंदना अग्रवाल निराली
पता – लखनऊ, उत्तर प्रदेश

वंदना जी  एक पत्नी, गृहिणी, माँ, बहु और शिक्षिका हैं। इन्हें कविताएँ लिखने और पढ़ने का शौक है। इनकी कविता रूपायन पत्रिका और दूसरी वेबसाइट पर भी प्रकाशित होती रही है।

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Image Credit :- Wikipedia

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